सावन में शिव पूजन के दौरान रहें इन चीजों से दूर, पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव

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सावन का महीना हर किसी के लिए मनमोहक होता है, लेकिन इसकी महत्ता तब और बढ़ जाती है, जब आपको यह पता चले कि भगवान शंकर को यह महीना अत्यंत प्रिय है। हमेशा से ही भगवान शंकर की पूजा सावन के महीने में विशेष रूप से की जाती है। 
इस वर्ष 25 जुलाई 2021 से ही सावन महीना स्टार्ट हो चुका है, और ऐसे में भक्तों को यह समझना बहुत आवश्यक है कि सावन महीने में क्या नहीं किया जाना चाहिए, जिससे भगवान भोले प्रसन्न होने की बजाय क्रोधित हो जाएँ? भगवान भोले के बारे में माना जाता है कि वह अति जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं, तो उन्हें सर्वाधिक उग्र देव भी माना गया है। निश्चित तौर पर बोले शंकर का क्रोध अत्यंत प्रचंड है।

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ऐसे में आप जरूर ध्यान रखिए कि भगवान शंकर को क्या चीज प्रिय है, एवं उनकी पूजा में कौन सी चीजें वर्जित हैं?
सामान्यतः भगवान शंकर को पूजा में बेलपत्र, भांग इत्यादि चढ़ाए जाते हैं, किंतु कई चीजें ऐसी भी हैं, जो अनजाने में भी, अगर आप भगवान शंकर को चढ़ाते हैं, तो इसका नुकसान भुगतना पड़ सकता है। 
 
आईये जानते हैं कौन सी हैं वो चीजें…
शंख
जैसा कि सभी जानते है कि शंख भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। वहीं शंखचूड़ नामक असुर का वध भगवान शंकर के हाथों ही हुआ था। ऐसे में भगवान शंकर की पूजा में शंख बजाना वर्जित माना गया है।

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फूल
भगवान शंकर को कनेर और कमल के अलावा लाल रंग का कोई फूल चढ़ाना वर्जित है, खासकर केतकी और केवड़े का फूल तो बिल्कुल ना चढ़ाएं। भगवान शंकर को यह फूल अत्यंत अप्रिय हैं ।
कुमकुम-रोली
इसी प्रकार कुमकुम और रोली भी आपको नहीं चढ़ाना चाहिए ,क्योंकि शास्त्रों में शंकर भगवान के ऊपर कुमकुम रोली चढ़ाने को वर्जित माना गया है।
हल्दी
यूं तो हल्दी का प्रयोग बेहद शुभ माना गया है, पूजा से लेकर अन्य धार्मिक कार्यों में इसका इस्तेमाल होता है, लेकिन शिव की पूजा में हल्दी कदापि न चढ़ाएं । बता दें कि शिवलिंग ‘पुरुषत्व’ का प्रतीक है, जबकि हल्दी सौंदर्य प्रसाधन में गिना जाता है। इसीलिए हल्दी को कभी भी शिवलिंग पर न चढ़ाएं।
नारियल पानी
इसी प्रकार नारियल भी भगवान शंकर के लिए निषिद्ध माना गया है, क्योंकि नारियल लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। चूंकि माता लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी हैं, इसलिए नारियल को शिव पूजा में शामिल नहीं किया जाता है।

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तुलसी
तुलसी दल भी भगवान शंकर को नहीं चढ़ाना चाहिए, क्योंकि शिव शंकर द्वारा जालंधर नामक राक्षस का वध किया गया था, और उनकी पत्नी वृंदा ही तुलसी का पौधा बन गई थी। इसलिए भगवान शंकर की पूजा में तुलसी का प्रयोग अत्यंत वर्जित है।
ध्यान रखिए, भगवान शंकर को अगर आप ने प्रसन्न कर लिया तो आपकी तमाम मनोकामनाएं सिद्ध हो सकती हैं, किंतु अगर भगवान शंकर आपसे रुष्ट हो गए, तो कहीं ना कहीं आप का पूजन सफल नहीं माना जाएगा। ऐसे में भगवान शंकर के क्रोध को भला कौन नहीं जानता है!
अगर आपको नहीं पता है, तो शास्त्र में वर्णित तमाम कथाएं पढ़ लीजिए, कि भगवान शंकर के कोप भाजन का कौन-कौन शिकार हुए और पल भर में भस्म हो गए। इसलिए पूजा में भगवान शंकर को ना चढ़ाई जाने वाली वस्तुएं आपको बताई गई हैं, जिसका आपको सावन महीने में ‘शिव पूजन’ विशेष ध्यान रखना चाहिए।
– विंध्यवासिनी सिंह

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