सिख फॉर जस्टिस के प्रमुख जीएस पन्नू के खिलाफ केस दर्ज, मुख्यमंत्री को दी थी धमकी !

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शिमला। हिमाचल प्रदेश पुलिस ने आज अमेरिका में रहने वाले खालिस्तानी आतंकी जीएस पन्नू के खिलाफ कानूनी शिकंजा कसते हुये आईपीसी, यूएपीए व आईटी एक्ट की विभिन्न घाराओं के तहत देशद्रोह का मामला दर्ज किया है। दरअसल, खालिस्तानी आतंकी जीएस पन्नू ने शिमला के पत्रकारों को भेजे एक संदेश में धमकी दी है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को 15 अगस्त के दिन तिरंगा नहीं फहराने दिया जायेगा। 

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प्रदेश पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने बताया कि सिख फार जस्टिस चीफ जीएस पन्नू के खिलाफ शिमला के साईबर थाना में अपराधिक मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य साइबर अपराध पुलिस थाना शिमला ने गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ धारा 124 आईपीसी के तहत दंडनीय अपराध का मामला दर्ज किया है। धारा 124 (राज्य के खिलाफ राजद्रोह), 153-ए आईपीसी (सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रतिकूल अधिनियम), 506 आईपीसी (धमकाना), 120-बी आईपीसी (आपराधिक साजिश), 13 गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1967 (गैरकानूनी गतिविधि का आयोग) और आईटी अधिनियम 2000 की 66-सी के तहत प्रदेश के कई पत्रकारों और नागरिकों द्वारा मोबाइल पर प्राप्त रिकॉर्डेड ऑडियो क्लिप के आधार पर गुरपतवंत सिंह पन्नू नाम के व्यक्ति के खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया है।

इसके अलावा पुलिस मामले की जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि शिमला के कुछ मीडियाकर्मियों को विदेशों में खालिस्तानी समर्थक तत्वों का प्री-रिकॉर्डेड संदेश मिला। इस मामले को प्रदेश पुलिस ने गंभीरता से लिया है। इस मामले की जांच को सीआईडी के साइबरसेल को सौंपा गया है। वहीं प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर, मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय कैबिनेट मंत्री अनुराग ठाकुर का सुरक्षा वर्गीकरण राज्य में अपग्रेड किया गया है।

इसके साथ ही अंतर-राज्यीय सीमाओं पर आने वाले वाहनों की गहन जांच की जा रही है। राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ जानकारी साझा की गई है। सुरक्षा और कानून-व्यवस्था कायम रखने के लिए कड़े उपाय किए हैं ताकि संपूर्ण राज्य शांति रहे एवं स्वतंत्रता दिवस समारोह को शांतिपूर्ण ढंग से मनाया जा सके। 

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बताया जा रहा है कि भारत सरकार के लिये सिरदर्द बने पुन्नू को भारत लाने की कोशिशें भी जारी है। उनके भारत प्रत्यर्पण को लेकर अमेरिकी सरकार से अनुरोध किया गया है। अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट को भारतीय एजेंसियों ने म्यूचुअल लीगल असिस्टेंट के तहत सारी जानकारियां भेजी हैं और कार्रवाई करने की मांग की है । अमेरिकी सरकार की कार्रवाई में तेजी लाने और अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास की मदद के लिए दिल्ली से भी केस से जुड़े अधिकारियों को भेजा जा सकता है।

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