स्टडी लीव में निजी प्रैक्टिस करते धराए डॉक्टर, किया पेशे को शर्मसार
- हांसदा के निर्देश पर हुई कार्रवाई
- दो निज़ी क्लिनिक सील
झारखण्ड/पाकुड़ : डॉक्टर को भगवान का रूप मानते है, वे पृथ्वी पर भगवान का दूसरा रूप होते है। डॉक्टरी पेशा को समाज में बहुत इज्ज़त और सम्मान प्राप्त होता है। पर कुछ लोग है जो इस पेशा को कलंकित कर देते है।
ताज़ा मामला पाकुड़ ज़िले का है जहां स्टडी लीव दिखाकर प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे सरकारी डॉक्टरों के क्लिनिक पर प्रशासन ने कार्यवाही शुरू कर दी है। इसकी शुरुआत जिला मुख्यालय से की गयी है।
एसडीओ पंकज कुमार साव ने बताया कि कुछ दिनों पहले शिकायत मिली थी कि सरकारी डॉक्टर स्टडी लीव दिखाकर प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं। शिकायत की सत्यता जांचने के क्रम में दो क्लिनिक पर छापेमारी की गयी तो बात सच साबित हुई। एसडीओ ने कहा कि नियम के तहत सभी क्लिनिक का संचालन करें अन्यथा कार्यवाही की बाध्यता होगी।
- क्यों रेस हुआ प्रशासन
बीते 2 जुलाई को दिशा की बैठक में जिले में चिकित्सकों की घोर कमी को लेकर मरीज़ों को हो रही परेशानियों का मामला उठा था जिसमें बताया गया कि चिकित्सकों की कमी के कारण प्रतिदिन मरीजों की मृत्यु की संख्या में वृद्धि हुई है। बीते दिन ही महिलाओं के प्रसव के दौरान दो नवजात शिशु की भी मृत्यु हो गई थी।
बैठक में जिला प्रशासन को ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश सांसद विजय हांसदा ने दिया था।
आज एसडीओ पंकज कुमार साव के नेतृत्व में हाटपाड़ा एवं सरला कॉलोनी स्थित प्राइवेट क्लिनिक चला रहे सरकारी डॉक्टरों के यहां की गयी छापेमारी की गयी और दोनों क्लिनिक को सील कर दिया गया। छापेमारी के दौरान क्लिनिक में इलाज करा रहे मरीजों एवं उनके परिजनों में परेशान हो गए।
छापेमारी में सीओ सदर आलोक वरण केसरी भी शामिल थे।