उच्च न्यायालय के आदेश का खुला उल्लंघन : नि:शुल्क बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम-2009 के नाम पर भयादोहन की तैयारी

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  • स्टे के बावजूद मान्यता देने की होड़ में ज़िला प्रशासन
  • राँची और दुमका में जिला प्रारंभिक शिक्षा समिति की हुई बैठक
  • उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई बैठक

झारखण्ड/राँची : एक ओर लॉकडाउन का दंश झेल रहे छोटे निजी विद्यालय जो सीमित संसाधन में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से समाज में विद्या का अलख जलाते आए है, विगत 16 माह से बंद है और अपने अस्तित्व को बचाने में है वहीं दूसरी ओर ज़िला प्रशासन है जो नि:शुल्क बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम-2009 के नाम पर भयादोहन की सम्पूर्ण तैयारी में बैठक कर रही है।

 

 

  • क्या है मामला

नि:शुल्क बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम-2009 को झारखण्ड सरकार द्वारा संशोधित कर निजी विद्यालयों के लिए कड़े और नये नियम बनाये गये, जिसे संशोधित नियमावली -2019 कहा गया। जबकि उपर्युक्त नियम केन्द्र सरकार के द्वारा बनाये गये है। राज्य सरकार उक्त नियमावली को अपने प्रदेश में लागू कर सकती है, इसे बदल नहीं सकती।

 

 

  • कहाँ फँसा है पेंच

रामरंजन कुमार सिंह, महासचिव झारखण्ड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन, राँची से जब हमारे संवाददाता ने इस मुद्दे पर उनका पक्ष जाना तो उन्होंने बताया कि इस संसोधित काले कानून के विरोध में एसोसिएशन के द्वारा उच्च न्यायालय, राँची में रिट याचिका संख्या 5455/2019 दायर किया गया है। जिसमें एसोसिएशन को रिट याचिका संख्या 5455/2019 में तत्काल प्रभाव से स्टे है। जब तक उच्च न्यायालय में मामला लंबित है, तब तक झारखंड सरकार के शिक्षा विभाग के द्वारा नये नियमों के आलोक में कोई भी प्रक्रिया निजी विद्यालय के लिए किया जाना न्यायालय के आदेश का स्पष्टत:उल्लंघन माना जायेगा।

 

 

  • राँची में हुई बैठक 
  • भूमि से संबंधित आपत्ति के निराकरण के लिए जांच का निदेश

आरटीई के तहत निजी विद्यालयों को मान्यता देने को लेेकर आज जिला प्रारंभिक शिक्षा समिति की बैठक आयोजित की गयी। समाहरणालय ब्लाॅक ए स्थित कमरा संख्या 207 में उपायुक्त रांची सह अध्यक्ष जिला प्रारंभिक शिक्षा समिति श्री छवि रंजन की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में मांडर विधायक माननीय श्री बंधु तिर्की, कांके विधायक माननीय श्री समरीलाल, अपर समाहर्त्ता, रांची श्री राजेश बरवार, जिला शिक्षा अधीक्षक एवं विधायक प्रतिनिधि उपस्थित थे।

 

 

बैठक में उपायुक्त श्री छवि रंजन ने समिति के सदस्यों के साथ निजी स्कूलों की मान्यता के लिए आये प्रस्तावों पर विस्तार से विचार विमर्श किया। निजी स्कूलों की मान्यता के प्रस्तावों पर उपायुक्त ने जिला शिक्षा अधीक्षक से जांच के संबंध में पूरी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि तय मानकों के आधार पर ही स्कूल की मान्यता दी जायेगी।

 

 

बैठक के दौरान उपायुक्त श्री छवि रंजन ने मान्यता के लिए आये निजी स्कूलों के प्रस्ताव पर भूमि, लीज, सबलीज से जुड़ी आपत्ति को लेकर टीम बनाकर जांच करवाने का निदेश दिया। इस टीम में सब रजिस्ट्रार, कार्यपालक दंडाधिकारी और उस क्षेत्र के कर्मचारी रहेंगे। उपायुक्त ने इस संबंध में फाॅर्मेट तैयार कर रिपोर्ट देने का निदेश दिया।

 

निजी विद्यालयों के मान्यता से संबंधित कई प्रस्तावों में शिक्षकों के टेट उतीर्ण नहीं होेने के संबंध में उपायुक्त ने विभाग से मार्गदर्शन प्राप्त करने का निदेश दिया। बैठक में उपायुक्त ने विभिन्न स्कूलों की मान्यता से संबंधित प्रस्तावों की अलग-अलग बिन्दुओं पर भी जिला शिक्षा अधीक्षक को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।

 

 

 

  • दुमका में हुई बैठक 
  • सोलह विद्यालयों को कुछ शर्तों के साथ मान्यता प्रदान करने हेतु स्वीकृति प्रदान की गई

 

जिला स्तर पर दुमका में आज शिकारीपाड़ा विधायक श्री नलीन सोरेन के उपस्थिति में उपायुक्त राजेश्वरी बी की अध्यक्षता में गठित जिला प्रारंभिक शिक्षा समिति की बैठक समाहरणालय सभागार में आयोजित की गई। बैठक में कुल 24 (चौबीस) विद्यालयों को मान्यता प्रदान करने से संबंधित प्रतिवेदन समिति के समक्ष उपस्थापित किया गया, जिसमें से कुल 16 (सोलह) विद्यालयों को कुछ शर्तों के साथ मान्यता प्रदान करने हेतु स्वीकृति प्रदान की गई। शेष विद्यालय के संबंध में यह निर्णय लिया गया कि यथाशीघ्र सभी विद्यालयों का जाँच कराते हुए एक माह के अन्दर पुनः बैठक आयोजित कर निर्णय लिया जायेगा।

 

 

बैठक में माननीय सांसद दुमका के प्रतिनिधि समिति के सदस्य सचिव मसुदी टुडू, जिला शिक्षा पदाधिकारी सह जिला कार्यक्रम पदाधिकारी समग्र शिक्षा अभियान, दुमका के साथ-साथ शिक्षा क्षेत्र से जुड़े सदस्य प्रमोदिनी हाँसदा एवं मनोज कुमार घोष उपस्थित थे।

 

 

आकाश भगत

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