कल है वट सावित्री और सूर्य ग्रहण का संयोग, जानें शुभ मुर्हूत

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  • वट सावित्री, शनि जयंती और सूर्यग्रहण साथ-साथ

 

क्या है संशय की स्थिति

किसी भी ग्रहण के दौरान 12 घंटे पहले ही सूतक काल मान्य हो जाता है और जैसे ही सूर्य ग्रहण शुरू होता है तो तमाम तरह के पूजा पाठ पर पाबंदी लग जाती है।

 

 

10 जून को सूर्य ग्रहण पूरे 5 घंटे तक चलेगा। 1 बजकर 42 मिनट से शुरू होकर ग्रहण शाम 6 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। और उसी दिन वट सावित्री व्रत रखा जाएगा। कल वट सावित्री व्रत के दिन ही लगने जा रहा है साल का पहला सूर्यग्रहण।

 

 

सुहागिन महिलाओं के लिए वट सावित्री का व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इस बार सूर्य ग्रहण के दिन होने से अब लोग पूजा समय को लेकर थोड़े से संशय में हैं।

 

 

सूर्यग्रहण के 12 घण्टे पहले सूतक लग जाता है। 10 जून को दोपहर 1.42 मिनट से सूर्यग्रहण 5 घण्टे तक रहेगा। लोगों को संशय है कि ऐसे में वटसावित्री की पूजा कैसे करें? जानकार कहते हैं कि यह ग्रहण भारत में अदृश्य है, इसलिए उस दिन अर्थात 10 जून को वटसावित्री और शनि की जयंती दोनों मनाई जाएगी।

 

 

हालांकि काली की पूजा 9 जून की रात को ही करनी है, क्योंकि 10 जून को दोपहर के पश्चात प्रतिपदा की इंट्री हो जाती है। कुछ राज्यों में वटसावित्री की पूजा ग्रहण के कारण 9 जून को की जा रही है। मूल बात है कि अमावस्या तिथि को ही यह पूजा करनी है।

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आकाश भगत

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