किसान विरोधी नीति का पुरजोर विरोध हो : सीता राणा

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झारखण्ड/धनबाद (ब्यूरो, राजेंद्र वर्मा) : धनबाद जिला महिला कांग्रेस कमिटि की जिलाध्यक्ष सीता राणा ने काला कृषि बिल के एक साल होने पर काला दिवस मनाया और मौके पर कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने अच्छे दिन आएंगे का सपना दिखा कर लोगों को भ्रमित करने का काम किया है। अपने पूंजीपतियों को खुश करने और लाभ पहुंचाने के लिए काला कृषि बिल लाया।

 

श्रीमति राणा ने यह भी कहा कि काला कृषि बिल किसानों को गुलाम बना देगी और फसल पर पूंजीपतियों के आधिपत्य होगा। ऐसे हालात में जब पूंजीपति फसलों के दाम तय करेंगे तो किसान को फायदा नहीं होगा और आम आदमी महंगाई के बोझ तले भूखे मरने को मजबूर होगा। उन्होंने कहा कि सरकार का हर आश्वासन झूठ का पुलिंदा साबित हुआ है। इनके पास आम आदमी के लिए कोई योजना नहीं है।

 

 

कृषि अध्यादेश के बहाने मोदी सरकार जनता को भूख से मारने का षडयंत्र रच रही है जिसे किसी कीमत पर किसान और आम आदमी स्वीकार नहीं करेगा। पिछले छः माह से किसान आंदोलन पर बैठे हैं, सरकार की नीयत साफ होती तो न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून में जोड़ती जबकि सरकार ने ऐसा नहीं किया और किसानों को पूंजीपतियों के हवाले बिना शर्त परोस दिया।

 

 

धनबाद जिला महिला कांग्रेस कमिटि काला कृषि बिल का पुरजोर विरोध करती है और सरकार से इस बिल को वापस लेने की मांग करती है। हम किसानों के अधिकार के साथ खड़े हैं और जनता विरोधी किसान विरोदी काला कृषि बिल का पुरजोर विरोध करती हैं।

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