Covishield vs Covaxin vs Sputnik V: कौन कितना प्रभावी, कितनी है कीमत और क्या है साइड इफेक्ट

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देश में कोरोना वायरस महामारी का कहर जारी है। हालांकि पिछले कुछ दिनों में कोरोना वायरस के नए मामलों में स्थिरता देखी गई है। लेकिन मौत के आंकड़े अब भी लगातार बढ़ रहे हैं। इन सब के बीच सरकार लगातार टीकाकरण को लेकर सक्रिय है। देश में किस तरह से ज्यादा से ज्यादा लोगों का टीकाकरण किया जा सके इसके लिए हर मुमकिन कोशिश की जा रही है।
सरकार की ओर से 1 मई से देश में तीसरे फेज के टीकाकरण की भी शुरुआत की गई है। इस फेज में 18 वर्ष से ऊपर के लोगों का टीकाकरण किया जाना है। लेकिन इस बात में भी सच्चाई है कि फिलहाल वैक्सीनेशन की रफ्तार काफी कम है और इसकी सबसे बड़ी वजह कोरोना वैक्सीन की कमी है। देश में अब तक तीन कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा अनुमोदित तीन कोरोना वैक्सीन में सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) कोविशील्ड है, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन है और तीसरी है रूस के स्‍पूतनिक वी।
आपको यह जानना भी जरूरी है कि कोविशील्ड (covishield) और कोवैक्सीन  (covaxin) पूरी तरह से भारत में निर्मित है जबकि स्‍पूतनिक वी  ( sputnik v) का निर्यात रूस से किया जा रहा है। स्पूतनिक के इस्तेमाल के लिए हाल में ही मंजूरी मिली है। भारत में इसका वितरण डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज के द्वारा किया जाएगा। माना जा रहा है कि जून 15 के बाद यह देश के विभिन्न हिस्सों में उपलब्ध रहेगा। आज हम इन्हीं तीनों कोरोना वैक्सीन के बारे में आपको बताते हैं। यह तीनों वैक्सीन कितने प्रभावी हैं, इन के साइड इफेक्ट क्या है और कितने कीमत पर इसे बेचा जा रहा है?
  • कोरोना वैक्सीन की क्षमता
कोविशील्ड – सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड के ट्रायल पिछले साल नवंबर में खत्म हुए थे। कोविशील्ड की प्रभाविता दर 70.4% से अधिक है। दावा यह भी किया जा रहा है कि दूसरे डोज के बाद इसकी प्रभाविता 90 फ़ीसदी तक जा सकती है। यह वैक्सीन न केवल गंभीर लक्षणों से बचाती है बल्कि रिकवरी समय को भी घटाती है। सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और फार्मा प्रमुख एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित किया गया है।
कोवैक्सीन – भारत बायोटेक की कोवैक्सीन की प्रभावकारिता दर 78 से 81% तक है। लेकिन सबसे खास बात यह है कि यह व्यक्ति गंभीर लक्षणों को रोकने में तथा मौत की आशंका को टालने में 100 फ़ीसदी प्रभावी है। कोवैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए 3 जनवरी को मंजूरी दी गई थी। कोवैक्सीन का निर्माण भारत बायोटेक द्वारा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के सहयोग से किया जा रहा है।
स्‍पूतनिक वी – हाल में ही ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया द्वारा अनुमोदित रूसी वैक्सीन स्‍पूतनिक वी की प्रभावकारिता दर 91.6% है। तीसरे फेज की ट्रायल में इस वैक्सीन ने मजबूत प्रतिरोधक क्षमता दिखाई है। स्‍पूतनिक वी की प्रभावकारिता दर मॉडर्ना और फाइजर की वैक्सीन से भी अधिक इफेक्टिव साबित हो रही है। स्पुतनिक वी को मॉस्को स्थित गमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा विकसित किया गया है।

  • साइड इफेक्ट
कोविशील्ड
– इंजेक्शन लगी जगह पर दर्द
– लालपन
– मध्यम या तेज बुखार
– थकान और सुस्ती
– माँसपेशियों में जकड़न
– शरीर में दर्द
कोवैक्सीन
– लाली, सूजन, इंजेक्शन लगी जगह पर दर्द
– बुखार
– पसीना या ठंड लगना
– बेचैनी या घबराहट होना, शरीर में दर्द
– मिचली आना और उल्टी होना
– खुजली और चकत्ते
– सरदर्द
स्‍पूतनिक वी
 – सरदर्द
– थकान
– इंजेक्शन लगी जगह पर दर्द
– फ्लू जैसे लक्षण
  • वैक्सीन की कीमत
कोविशील्ड- सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोविशील्ड की कीमत केंद्र सरकार के लिए 150 रुपए रखा है। पहले राज्य सरकारों के लिए इसकी कीमत 400 रुपये और निजी अस्पतालों के लिए 600 रुपये थी। बाद में कंपनी ने राज्य सरकारों के लिए कीमत 300 रुपये कर दी। प्राइवेट अस्पतालों के लिए फिलहाल कीमत में कोई बदलाव नहीं किया गया है। कोविशील्ड कई राज्यों में सरकारी टीकाकरण केंद्र पर मुफ्त में लगाई जा रही है।
कोवैक्सीन- कोविशील्ड की तुलना में कोवैक्सीन थोड़ी महंगी है। लॉन्च के समय कोवैक्सीन की कीमत राज्य सरकारों के लिए ₹600 थी जिसे कम करके ₹400 किया गया है। हालांकि निजी अस्पतालों में इसकी कीमत ₹1200 रखी गई है। भारत बायोटेक केंद्र सरकार को कोवैक्सीन की खुराक ₹150 में बेच रही है। कोवैक्सीन भी सरकारी टीका केंद्रों पर कई राज्यों में मुफ्त में लगाई जा रही है।
स्‍पूतनिक वी- स्‍पूतनिक वी का रूस से निर्यात किया जा रहा है। ऐसे में इसकी कीमत बाकी की 2 वैक्सीन से ज्यादा है। स्‍पूतनिक वी को 14 मई को भारतीय बाजार में पेश किया गया। डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज की ओर से बताया गया कि इसकी एक डोज की कीमत ₹948 है जिसमें 5 फ़ीसदी जीएसटी दर जोड़कर ₹995.40 रुपए प्रति डोज हो रहा है। भारतीय बाजार में इसे आसानी से उपलब्ध कराने के लिए डॉ रेड्डीज ने अपोलो अस्पताल के साथ करार किया है। अपोलो अस्पताल ने स्‍पूतनिक वी की एक डोज की कीमत 1250 रुपए रखी है। इसमें अस्पताल का भी खर्च शामिल है।
अंकित सिंह 
आकाश भगत

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