78 लाख का फर्जीवाड़ा करने वाला अब तक पुलिस की गिरफ़्त से बाहर
- उपायुक्त क़े आदेश पर भी एक मामला दर्ज़
झारखण्ड/पाकुड़ (संवाददाता) : एक कहावत है ‘जब अल्लाह मेहरबान तो गधा पहलवान’। इस कहावत को चिरथार्थ करती है हिरणपुर थाना कांड 04/2020 एवं पाकुड़ नगर थाना कांड 55/2021 जिसके अभियुक्त तत्कालीन कनीय अभियंता पाकुड़िया रवि कुमार और पुलिस के बीच चल रहे लुका-छिपी का खेल।
मामला दर्ज़ होने और अनुसंधान पूर्ण होने क़े बाद गिरफ्त मे आये अभियुक्त रवि कुमार को हिरणपुर थाना क़े स. अ. नि. द्वारा पूर्व में छोड़ देने की बात शिकायतकर्ता ने बताई।
पूरा मामला शिकायतकर्ता विकाश कुमार साह (मेटेरियल सप्लाईर) निबंधित ठेकेदार का और इनके द्वारा योजनाओं में सामग्री की आपूर्ति की देख-रेख करने वाले कनीय अभियंता रवि कुमार का है जो उक्त योजनाओं में कार्य क़े दौरान 78 लाख रुपये के गबन का है।
आपूर्तिकर्ता ने करीब 78 लाख का सामग्री सप्लाई किया जिसके एवज में कनीय अभियंता द्वारा आपूर्तिकर्ता विकाश कुमार साह को चेक दिया गया जो बॉउंस हो गया और उसका भुगतान अब तक नहीं पाया है।
- कैसा सामने आया मामला
बेईमानी की आशंका से आपूर्तिकर्ता ने सूचना अधिकार अधिनियम क़े द्वारा सामग्री भुगतान की जानकारी ली तो यह बात सामने आयी कि कनीय अभियंता ने फ़र्ज़ी वाउचर पर कुल रूपये की निकासी कर अपने पास रख लिए है एवं उन्हें झांसा दे रहा है।
जानकारी प्राप्त होने पर आपूर्तिकर्ता श्री साहा ने हिरणपुर थाना में एक लिखित शिकायत दर्ज़ की। उक्त शिकायत पर हिरनपुर थाना कांड 04/2020 दर्ज़ किया गया था जो कांड अनुसन्धान एवं पर्यवेक्षण में सत्य पाया गया है। परन्तु उक्त अभियुक्त रवि कुमार को हिरणपुर थाना क़े प्रभारी अब तक गिरफ्तार करने मे असफल रहे है।
उक्त अभियुक्त एक बार गिरफ्त में आया भी था पर अज्ञात कारण से उन्हें रास्ते में ही छोड़ देने की बात शिकायतकर्ता ने की है।
उक्त मामले क़े अतिरिक्त जिला कल्याण पदाधिकारी पाकुड़ द्वारा उपायुक्त क़े आदेश पर एक मामला 55/2021 पाकुड़ नगर थाना में रवि कुमार के विरुद्ध दर्ज़ किया गया जो अजमानतीय धारा 420/409 क़े तहत दर्ज़ किया गया है।
अब सोचने की बात है कि इतने बड़े फर्ज़ीवाड़े में पाकुड़ पुलिस के हाथ अब तक खाली कैसे है और आखिर कब तक इन अपराधियों को सह और संगरक्षण मिलती रहेगी?