किस बीमारी में जिमीकंद (ओल) का उपयोग देगा आपको ज्यादा फ़ायदा? कैसा होता है इसका फूल

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जिमीकंद सिर्फ सब्जी भर नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से प्राकृतिक जड़ी-बूटी जैसे फायदे भी हैं। यह दिखने में हाथी के पैर जैसा लगता है, इसलिए इसे एलीफैंट फुट याम भी कहा जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम अमोरफोफ्लस पाओनीफोलिअस (Amorphophallus Paeoniifolius) है । इसे अंग्रेजी में याम (Yam) के नाम से भी जाना जाता है। जिमीकंद एक कंद के रूप में होता है और यह अपने आप ही उगता है, लेकिन इसके गुणों को देखते हुए पिछले कुछ सालों से इसकी खेती भी की जाने लगी है।

 

 

जिमीकंद के प्रकार – जिमीकंद कई प्रकार में मौजूद हैं,

 

 

 

 

# संतरा गाची

 

संतरा गाची जिमीकंद की एक किस्म है। जिमीकंद की इस किस्म के पौधे बड़े होते हैं, जिनकी लंबाई 3 से 4 फुट तक हो सकती है। इनका कंद खुरदुरा और इनका भीतरी भाग मक्खनी रंग का होता है। इसकी पैदावार भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में ज्यादा प्रचलित है। इसे खाने से गले में हल्की जलन हो सकती है।

 

 

# कोववयूर

 

यह एक उन्नत किस्म का जिमीकंद माना जाता है, जिसे आमतौर पर हाइब्रिड बीज की प्रजाति भी कहा जाता है। इसका अंदरूनी भाग सफेद रंग का होता है। जिमीकंद की यह किस्म व्यापारिक किस्म भी मानी जाती है।

 

 

गजेन्द्र-1:

गजेन्द्र-1 भी जिमीकंद की एक किस्म है, जिसके अंदर का गूदा हल्का नारंगी रंग का होता है। आमतौर पर यह घरों के बाहर और फूलों की नर्सरी में भी उगाया जाता है। खाने में सबसे ज्यादा गजेन्द्र-1 जिमीकंद का ही इस्तेमाल किया जाता है। इसे खाने से गले में हल्की जलन हो सकती है।

 

4-5 वर्षों में एक बार खिलता है ये फूल

 

  • जिमीकंद के फायदे

 

1. डायबिटीज में सहायक

 

डायबिटीज में सूरन के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, जिमीकंद में प्राकृतिक रूप से एलेन्टॉइन (allantoin) नामक एक खास तत्व पाया जाता है और एक वैज्ञानिक शोध में इसके एंटी डायबिटिक प्रभाव के बारे में पता चला है, जो मधुमेह पर लाभकारी प्रभाव छोड़ सकता है। हालांकि, इस पर अभी और अध्ययन की आवश्यकता है।

 

 

2. कैंसर में उपयोगी

सूरन के फायदे कैंसर में भी काम आ सकते हैं और ऐसा उसके औषधीय गुणों के कारण संभव हो सकता है। यहां पर एक बार फिर एलेन्टॉइन (allantoin) यौगिक का जिक्र होगा। जी हां, एक वैज्ञानिक रिपोर्ट के आधार यह देखा गया है कि जिमीकंद में मौजूद एलेन्टॉइन कैंसर के इलाज में लाभदायक हो सकता है।इसके अलावा, जिमीकंद (ओल) में एल-आर्जिनिन (l-arginine) नामक यौगिक पाया जाता है, जो प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कैंसर की रोकथाम में अहम योगदान निभा सकता है।

 

 

3. वजन घटने में

जिमीकंद को वजन घटाने के लिए भी प्रयोग में लाया जा सकता है। जिमीकंद में फाइबर पाया जाता है। फाइबर शरीर की पाचन क्रिया को संतुलित बनाए रखने में मदद करता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार यह बताया गया है कि अगर प्रतिदिन 30 ग्राम फाइबर का सेवन किया जाए, तो यह वजन घटाने में मदद कर सकता है।

 

4. एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट के रूप में

सूरन के फायदे में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट का प्रभाव भी शामिल है, जो हमारे शरीर को कई रोगों से बचाने के काम आ सकते हैं। विशेषज्ञों द्वारा किए गए एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार यह कहा गया है कि ओल यानी जिमीकंद इंफ्लेमेशन प्रक्रिया को कम कर कोलन कैंसर से बचाव का काम कर सकता है।

 

5. रजोनिवृत्ति के लक्षण में आरामदायक

महिलाओं को अचानक गर्मी लगना, नींद न आना और उनका अजीब व्यवहार रजोनिवृत्ति के लक्षण हो सकते हैं। यहां सूरन के फायदे देखे जा सकते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार ओल के अर्क (yam extract) के इस्तेमाल से रजोनिवृत्ति के लक्षण में कुछ हद तक आराम पहुंचाया जा सकता है। हालांकि, अभी इसके प्रयोग को लेकर विस्तृत वैज्ञानिक प्रमाण की आवश्यकता है, ताकि यह साफ हो सके कि इसका इस्तेमाल रजोनिवृत्ति के लक्षण को कैसे खत्म कर सकता है।

 

6. विटामिन-बी6 की पूर्ति के लिए

जिमीकंद खाने के फायदे आपकी शरीर के लिए जरूरी विटामिन की कमी को भी पूरा कर सकते हैं। इन्हीं में से एक है विटामिन बी6। विटामिन बी6 ह्रदय रोग के जोखिम को कम करने के साथ-साथ चिड़चिड़ापन, सूजन और चिंता की स्थिति को कम कर सकता है। शरीर में विटामिन बी6 की पूर्ति के लिए जिमीकंद का सेवन किया जा सकता है।

 

7. शरीर में खून बढ़ाने के लिए

शरीर में आयरन और फोलेट की कमी एनीमिया (खून की कमी) का कारण बनती है। यहां जिमीकंद की अहम भूमिका देखी जा सकती है। जिमीकंद आयरन के साथ-साथ फोलेट से भी समृद्ध होता है और शरीर में इन दो खास पोषक तत्वों की पूर्ति इस खास खाद्य पदार्थ के सेवन से की जा सकती है।

 

 

8. याददाश्त के लिए उपयोगी

जिमीकंद के फायदे याददाश्त बढ़ाने के लिए उपयोगी हो सकते हैं। ओल में डाइओसजेनिन (diosgenin) नामक यौगिक पाया जाता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के मुताबिक, अल्जाइमर (याददाश्त कमजोर होने की एक स्थिति) रोग में डाइओसजेनिन सुधार कर सकता है। अध्ययन में यह भी देखा गया कि सामान्य अवस्था में भी यह न्यूरोनल उत्तेजना (neuronal excitation) और याददाश्त क्रिया को बढ़ावा दे सकता है।

 

9. पाचन में सहायक

जिमीकंद खाने के फायदे में पाचन क्रिया को बेहतर बनाना भी शामिल है। जिमीकंद फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों में से एक है। फाइबर पाचन क्रिया मजबूत करने के साथ-साथ मल को मुलायम कर कब्ज जैसी समस्या से निजात देने का काम कर सकता है।

 

ओल का फूल

 

जिमीकंद का उपयोग कैसे करें?

 

# जिमीकंद की सब्जी बनाकर सेवन किया जा सकता है।

 

# जिमीकंद को उबालने के बाद उसे कद्दूकस करके पकौड़े बनाकर खा सकते हैं।

 

# जिमीकंद को चटनी के रूप में भी उपयोग कर सकते हैं।

 

# जिमीकंद का अचार बनाकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

 

 

जिमीकंदकब खाएं :

जिमीकंद को आप सुबह, दोपहर और शाम को सब्जी के रूप में खा सकते हैं। इसे टुकड़े में काटकर फ्राई करके क्रंची स्नैक्स के रूप में शाम को चाय के साथ भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

 

 

जिमीकंद खाने की मात्रा :

 

आप आधा चम्मच जिमीकंद का अचार खाने के साथ ले सकते हैं। इसके अलावा, सीमित मात्रा में जिमीकंद की सब्जी का सेवन कर सकते हैं। एक दिन में जिमीकंद की मात्रा कितनी होनी चाहिए, इस पर कोई सटीक वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।

 

जिमीकंद के नुकसान :

# जिमीकंद में मौजूद फास्फोरस की अधिक मात्रा किडनी की समस्या से पीड़ित लोगों के लिए हानिकारक हो सकती है।

 

# यह खाने में थोड़ा कड़वा भी होता है, जो आपके गले में खाने के थोड़ी देर बाद जलन का कारण भी बन सकता है। हालांकि, इस तथ्य की पुष्टि के लिए सटीक वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं।

 

# जिमीकंद, एस्ट्रोजन (एक हार्मोन) की तरह कार्य करता है। अगर आपको कोई ऐसी समस्या हो, जो एस्ट्रोजन के संपर्क में आने से प्रभावित हो जाए, तो इसका सेवन आपको नुकसान पहुंचा सकता है।

 

# प्रोटीन एस की कमी वाले लोग इसका सेवन करने से बचें, क्योंकि एस्ट्रोजन की तरह काम करने के कारण यह आंखों में थक्का भी बना सकता है।

 

# जिमीकंद में मौजूद फाइबर का अत्यधिक सेवन पेट में गैस की समस्या का कारण बन सकता है।

 

# जिमीकंद शरीर में एलर्जी का कारण भी बन सकता है।

 

***इस आलेख पर दी हुई संपूर्ण जानकारी केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गयी हैं। हमारा आपसे विनम्र निवेदन हैं की किसी भी सलाह / उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करे।***
आकाश भगत

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