• भाजपा नेताओं ने किया पलटवार

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की आलोचना के लिए भाजपा नेताओं ने शुक्रवार को झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आड़े हाथों लिया और आरोप लगाया कि उन्होंने संवैधानिक पद की गरिमा को धूमिल किया।

 

 

 

 

दरअसल, प्रधानमंत्री ने बृहस्पतिवार को फोन पर सोरेन से बात की थी और झारखण्ड में कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा की थी।इसके बाद हेमंत सोरेन ने ट्वीट किया था, ‘‘आज आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने फोन किया। उन्होंने सिर्फ अपने मन की बात की। बेहतर होता यदि वो काम की बात करते और काम की बात सुनते।’’

 

 

 

 

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हेमंत सोरेन पर हमला करते हुए भाजपा के संगठन महासचिव बीएल संतोष ने ट्वीट किया, ‘‘कुछ नेता इस स्तर तक गिर गए हैं। प्रधानमंत्री फोन करते हैं और कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा करते हैं। कम से कम अपने पद की गरिमा का तो ख्याल रखना चाहिए।’’

 

 

 

 

भाजपा सांसद और पार्टी के मीडिया विभाग के प्रभारी अनिल बलूनी ने भी हेमंत सोरेन की आलोचना की। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ना आपको देश के संघीय ढांचे का ज्ञान, नसामान्य शिष्टाचार की समझ, न बड़ों से व्यवहार का प्रशिक्षण और न ही अपनी कुनीतियों से बेहाल झारखण्ड की चिंता है हेमंत सोरेन। जनता आपकी गलत नीतियों की भेंट न चढ़े। आप झारखण्ड के लोगों को उनके हाल पर छोड़ सकते हो मगर मोदी सरकार हर क्षण उनके साथ है।’’

 

 

 

 

असम भाजपा के नेता हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि सोरेन का ट्वीट सामान्य शिष्टाचार के खिलाफ है और लोगों की परेशानियों का मजाक उड़ाने जैसा है क्योंकि प्रधानमंत्री ने उनका हाल चाल के लिए फोन किया था। उन्होंने कहा कि झारखण्ड के मुख्यमंत्री ने पद की गरिमा को धूमिल किया है। प्रधानमंत्री ने बृहस्पतिवार को आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओड़िशा के साथ ही झारखण्ड के मुख्यमंत्री को फोन कर कोविड-19 की स्थिति का जायजा लिया था।

 

 

 

 

झारखण्ड सरकार के सूत्रों का कहना है कि सोरेन इस बात से दुखी थे कि वह राज्य की पीड़ा प्रधानमंत्री के समक्ष नहीं रख सके और प्रधानमंत्री ने सिर्फ अपनी बात की।

आकाश भगत

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