अगर पुलिस आश्वासन की जगह मुख्य आरोपी पर कार्यवाही कर दी होती तो मेरी बेटी जिंदा होती : पिता
- छात्रा के घर पहुंचे डीआईजी और एसपी
- जांच का जिम्मा एसडीपीओ सदर को, एसपी करेंगे सुपरविजन
झारखण्ड/हजारीबाग : संत कोलंबस के छात्रा की आत्महत्या और पुलिस की नाकामी जब खबर छपी तो राज्य से लेकर जिला तक की पुलिस प्रशासन हड़कंप में मच गया।
आज मंगलवार को उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के डीआईजी और हजारीबाग जिला के पुलिस अधीक्षक मुफस्सिल थाना पहुँच लड़की की आत्महत्या के मामले को लेकर हर एक बिंदु पर स्वयं डीआईजी ने आपने स्तर से जाँच की।
संत कोलंबा की छात्रा नैना आत्महत्या मामले में नैना द्वारा छोड़े गए सुसाईड नोट के नाम के बाद महकमा में हड़कंप मच गया है। मामले में जांच के लिए डीआईजी एवी होमकर ने स्पेशल टीम का गठन किया है। जांच एसडीपीओ सदर कमल किशोर को मिला है। वहीं एसपी कार्तिक एस केस का सुपरविजन करेंगे। पूरे मामले में सच से अवगत होने मंगलवार को खुद डीआईजी एवी होमकर नैना के घर सदर प्रखंड के मासीपीढ़ी बोचो पहुंचे। माता-पिता से मुलाकात की और उस स्थान को भी देखा जहां नैना ने फांसी लगा ली। रोते बिलखते परिवार से बात कर दोषियों के उपर सख्त कार्यवाही का आश्वासदन दिया। करीब आधे घंटे के बाद डीआईजी वापस लौट गए।डीआईजी के साथ एसपी कार्तिक एस, एसडीपीओ सदर के अलावा कई पदाधिकारी भी नैना के घर पहुंचे थे।
डीआईजी से बात करते हुए पिता ने एक बार फिर पुलिसिया लापरवाही की बात कहीं। बताया कि अगर पुलिस आश्वासन की जगह मुख्य आरोपी पर कार्यवाही कर दी होती तो मेरी बेटी आज जिंदा होती। डीआईजी को बताया कि उसकी बेटी विगत 16 सितंबर से भी पूर्व कई बार थाने में आवेदन दी व हाथ जोड़ कर विनती करती रही, परंतु उसे कार्यवाही की जगह केवल आश्वासन मिला।
विगत 16 सितंबर को पुलिस की कार्यवाही एसपी के निर्देश पर हुई थी, कार्यवाही न होता देख एसपी को इसकी शिकायत करने पर प्राथमिकी दर्ज की। परंतु यहां भी पुलिस नामजद आरोपी की जगह उस व्यक्ति पर कार्यवाही कर खामोश हो गयी, जिसके नंबर से मैसेज पोस्ट किया गया था।
नैना की बहन और जीजा को भी मिल रही धमकी, सौंपा ऑडियो रिकॉर्डिंग
नैना की बहन स्वेता और जीजा को भी धमकी मिल रही है। पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे डीआईजी को पिता ने इसकी जानकारी दी। बकायदा उनके द्वारा धमकी वाला ऑडियो भी सौंपा गया।
: द न्यूज़ के लिए सचिन खंडेलवाल की रिपोर्ट।