हिन्दू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से आजादी दिलाने की तैयारी में विहिप

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  • चलाएगी व्यापक अभियान

विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) देश के मठ-मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने के लिए अभियान चलाएगी। विहिप के महासचिव मिलिंद परांडे ने बताया कि हम जग जागरुकता अभियान के माध्यम से सरकार पर दबाव बनाएंगे कि मंदिरों को सरकारी नियंत्रणों से मुक्त करने के लिए कानून बनाया जाए।

 

 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मिलिंद परांडे ने कहा कि इस मामले को लेकर विहिप अपने स्तर पर राज्य सरकारों के साथ वार्ता करेगी और अगर इस मुद्दे को लेकर कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी तो हम उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। अंग्रेजी समाचार पत्र ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक विहिप महासचिव मिलिंद परांडे ने सवाल उठाया कि केवल हिन्दुओं के धार्मिक पूजा स्थलों को ही सरकारी नियंत्रण में क्यों लिया जा रहा है।

 

 

 

उन्होंने कहा कि न सिर्फ य भेदभाव है बल्कि हिन्दू संस्कृति के खिलाफ भी है। रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि मंदिर से संबंधित जमीनों का इस्तेमाल तथाकथित ‘धर्मनिरपेक्ष’ उद्देश्यों को लिए किया जा रहा है। विहिप नेता ने कहा कि दानदाताओं ने जिस भाव से दिया था, वो धार्मिक और भगवान की सेवा के लिए था। उन्होंने कहा कि मंदिर के संसाधनों का इस्तेमाल केवल हिन्दू धर्म के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए किया जाना चाहिए।

 

 

विहिप नेता ने कहा कि केरल के अलावा तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में मंदिरों को राज्य सरकारों द्वारा किया जा रहा है। जिसको लेकर गहरी नाराजगी है। उन्होंने कहा कि तिरुपति और श्रीशैलम जैसे मंदिरों में दूसरों समुदाय के लोगों को नियुक्त किया गया है। जिससे हिन्दू समाज आहत है।

आकाश भगत

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