कोरोनावायरस के कारण 400 साल में पहली बार खानकाह मुजीबिया में नहीं होगा उर्स का आयोजन

 

बिहार : 400 साल में पहली बार फुलवारी स्थित खानकाह मुजीबिया में उर्स का आयोजन नहीं हो सकेगा। खानकाह मुजीबिया के नाजिम हजरत मिनहाजुद्दीन साहब ने बताया कि रबीउल अव्वल महीने का चांद निकल चुका है। 30 अक्टूबर को ईद-मिलादुन्नबी का सिर्फ आयोजन किया जाएगा। इस बार कोरोना के मद्देनजर एहतियाती तौर पर मेला नहीं लगेगा। खानकाह के इर्द-गिर्द दुकानें भी नहीं सजेंगी। मू-ए-मुबारक की जियारत भी जायरीनों के बीच दूरी बनाकर कराई जाएगी। जल्द ही उर्स कमेटी की बैठक में इस पर विचार-विमर्श कर सारे फैसले ले लिए जाएंगे।

हर साल लगता है मेला, होती है चादरपोशी

खानकाह मुजीबिया की ओर से उर्स के मौके पर हर साल जायरीनों के लिए मेला लगता है। पटना ही नहीं, बल्कि बिहार सहित देशभर से जायरीन यहां जियारत के लिए आते हैं, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के मद्देनजर भीड़ नहीं जुटानी है। बता दें कि उर्स के मौके पर हर साल खानकाह मुजीबिया में लंगर का भी आयोजन किया जाता है। जायरीनों के बीच तबर्रुक वितरण होता है।

खानकाह मुजीबिया के संस्थापक पीर मुजीबुल्लाह कादरी की मजारशरीफ पर अकीदत के साथ चादरपोशी की जाती है। उर्स कमेटी की ओर से पैगम्बर मोहम्म्द साहब के यौम-ए-पैदाइश के मौके पर शीश महल में मू-ए-मुबारक (पवित्र बाल) की जियारत कराई जाती है।

 

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