ग्रामीण विकास मंत्री से मिल संघ ने सीआरपी/बीआरपी की समस्याओं से कराया अवगत
झारखण्ड/पाकुड़ : विगत 15 वर्षों से निरंतर सेवा देने के बावजूद भी राज्य सरकार द्वारा आज तक बीआरपी/सीआरपी के सुरक्षित भविष्य हेतु कोई सेवा शर्त नियमावली का निर्माण नहीं किया गया है, जिससे राज्य के लगभग 2700 बीआरपी/सीआरपी अपने भविष्य को लेकर चिंतित है।
आज इस क्रम में बीआरपी/सीआरपी महासंघ के द्वारा विधानसभा के माध्यम से राज्य सरकार का ध्यान निम्न बिंदुओं की तरफ आकृष्ट कराने हेतु महासंघ के लोग ग्रामीण विकास मंत्री सह विधायक आलमगीर आलम से मिले।
- क्या है प्रमुख माँग
- शिक्षा विभाग में रिक्त पड़े पदों एवं शिक्षा विभाग के कार्यालयों में तृतीय वर्ग के पद में झारखण्ड शिक्षा परियोजना परिषद में कार्यरत बीआरपी/सीआरपी की योग्यता एवं विगत 15 वर्षों का अनुभव के आधार पर सीधे समायोजित करने की मांग।
- राज्य सरकार द्वारा गठित उच्च स्तरीय कमेटी जो संविदा पर कार्यरत कर्मियों की सेवा शर्त निर्धारण एवं नियमितीकरण हेतु गठित की गई है इसमें बीआरपी/सीआरपी को शामिल करते हुए नियमितीकरण करने की मांग।
- शिक्षा विभाग में होने वाली शिक्षकों की नियुक्ति में 50% पद बीआरपी/सीआरपी के लिए आरक्षित एवं उम्र सीमा में नियमानुसार छूट प्रदान करने की भी मांग संघ द्वारा की गई।
मौके पर जिला अध्यक्ष मोहम्मद अबुल हसनाथ मौलाह एवं संघ के अन्य सदस्यगण मौजूद थे।