उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भंडाफोड़ करने की व्यवस्था को प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया

हैदराबाद : उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने सोमवार को सभी कॉरपोरेट को सुझाव दिया कि भंडाफोड़ करने की व्यवस्था को प्रोत्साहित करें और भंडाफोड़ करने वाले लोगों को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराएं।

 

 

उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी कॉरपोरेट को सुझाव देना चाहूंगा कि भंडाफोड़ करने की व्यवस्था को प्रोत्साहित करें और भंडाफोड़ करने वाले लोगों को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराएं।’’ नायडू इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने पारदर्शिता, ईमानदारी के सिद्धांतों पर जोर दिया और कहा कि ये हर व्यावसायिक गतिविधि में दिखना चाहिए।

 

 

उन्होंने कहा कि आज के समय में कंपनी सचिव कॉरपोरेट के लिए सही मार्गदर्शक है, जो सभी पक्षों के हितों की रक्षा करता है और साथ ही कानून का अक्षरश: पालन करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस पेशे को मिशन के तौर पर लिया जाना चाहिए।’’

 

 

उपराष्ट्रपति ने कहा कि लोगों का धन — वह धन जो कंपनी बैंकों से लेती है और शेयरधारकों और यहां तक कि साझेदारों की सुरक्षा होनी चाहिए और उनके हितों का ख्याल रखा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ खराब लोगों की वजह से व्यवसाय का नाम खराब होता है। कुछ लोग बैंकों से ठगी करने का प्रयास करते हैं और फिर वे देश छोड़कर भाग जाते हैं।’’

 

 

 

उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की स्थिति क्यों आई है? इसे इस चरण तक क्यों पहुंचने दिया गया… मैं राजनीति की बात नहीं कर रहा हूं, यह सरकार, वह सरकार की बात नहीं कर रहा हूं। व्यवस्था थी तो व्यवस्था ठोस होनी चाहिए। जवाबदेही होनी चाहिए।’’

 

 

 

नायडू ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारत ने कुछ विकसित देशों सहित कई अन्य देशों से बेहतर काम किया है और अर्थव्यवस्था को पुनर्बहाल करने के लिए अच्छे कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के नियमों में धीरे-धीरे ढील दिए जाने के बाद अब लोगों की आजीविका की फिर से व्यवस्था करने पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

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