जब तक मोदी PM हैं, कोई कंपनी किसानों से जमीन नहीं छीन सकती : अमित शाह
नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि जब तक नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं तब तक कोई कंपनी किसानों से उनकी जमीन नहीं छीन सकती। उन्होंने यह भी कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था जारी रहेगी और मंडियां बंद नहीं होंगी। राष्ट्रीय राजधानी के किशनगढ़ गांव में लोगों को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि अगर किसान संगठन यह सोचते हैं कि नए कृषि कानूनों का कोई भी प्रावधान उनके हितों के खिलाफ है तो केंद्र सरकार इसपर चर्चा करने और खुले मन से विचार करने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष कृषि कानूनों पर बेवजह होहल्ला मचा रहा है। उन्होंने किसानों को भरोसा दिया कि तीन कृषि सुधार कानून उनके हित में हैं और उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाते। उन्होंने कहा, ‘‘ना तो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समाप्त होगी और ना ही आपकी जमीन कोई छीन सकता है। मैं किसानों को बताना चाहता हूं कि जब तक नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं, कोई भी कार्पोरेट आपकी जमीन नहीं छीन सकता, यह आपको भाजपा का वादा है।’’
शाह ने कांग्रेस सहित विपक्ष पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और कृषि कानूनों के अन्य प्रावधानों के बारे में भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष सरासर झूठ बोल रहा है। मैं फिर दोहराता हूं कि एमएसपी जारी रहेगी और मंडियां कभी बंद नहीं होंगी। किसानों का कल्याण मोदी सरकार की प्राथमिकता है।’’ उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके पास कोई मुद्दा नहीं है और वे अपने हितों की पूर्ति के लिए किसानों का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं पूरे देश में किसानों को बताना चाहता हूं कि विपक्षी नेताओं के पास कोई मुद्दा नहीं है और वे झूठ फैला रहे हैं कि एमएसपी खत्म हो जाएगा। प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट किया है और अब मैं फिर से स्पष्ट करता हूं कि एमएसपी है और आगे भी रहेगा।’’
आज दिल्ली के किशनगढ़ गाँव (महरौली) में किसान भाइयों के साथ प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के किसान संबोधन को सुना। यहाँ सभी किसानों ने पूरे जोश और उत्साह के साथ मोदी सरकार द्वारा किये गए सभी किसान कल्याण नीतियों व कृषि सुधारों में अपना विश्वास व्यक्त किया। #PMKisan pic.twitter.com/JRZuXzoQPe
— Amit Shah (@AmitShah) December 25, 2020
शाह ने कहा कि संप्रग नेताओं को एमएसपी के बारे में बोलने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि फसलों की लागत पर डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य की किसानों की मांग को पूरा करने के लिए उनके द्वारा कुछ भी नहीं किया गया था और यह मोदी सरकार द्वारा लागू किया गया। शाह ने यह दिखाने के लिए कृषि क्षेत्र में सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों को रेखांकित किया कि किस तरह से उसने किसानों के कल्याण को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि ‘‘राहुल बाबा’’ सहित विपक्षी नेताओं ने किसानों के लिए कर्ज माफी की मांग की जब मोदी सरकार ने किसान सम्मान योजना शुरू की। उन्होंने कहा, ‘‘संप्रग सरकार के दस वर्षों में 60,000 करोड़ रुपये के कृषि ऋण माफ किए गए थे, जबकि मोदी सरकार ने ढाई साल में दस करोड़ किसानों के खातों में 95,000 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए और अब 18,000 करोड़ रुपये बिना किसी बिचौलिए के हस्तांतरित किये जा रहे हैं।’’
शाह ने कहा, ‘‘मैं उन लोगों से पूछना चाहता हूं जो किसानों के हित के बारे में बात करते हैं कि जब वे सत्ता में थे तब उन्होंने क्या किया था? 2009 से 2014 के बीच 3.74 लाख करोड़ रुपये के गेहूं और धान की खरीद हुई थी, जबकि मोदी सरकार ने 2014-19 में इसे बढ़ाकर 8.22 लाख करोड़ रुपये किया।’’ उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राकांपा प्रमुख शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि किसानों की बात कौन कर रहा है? 2013-14 में किसानों के लिए क्या बजट था जब संप्रग और कांग्रेस सत्ता में थी। यह 21,900 करोड़ रुपये था। मोदी सरकार ने पिछले बजट में इसे बढ़ाकर 1.34 लाख करोड़ रुपये कर दिया।’’