पैतृक गांव नेमरा में पंचतत्व में विलीन हुए दिशोम गुरु
- राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई
- छोटे बेटे बसंत ने दी पिता शिबू सोरेन को मुखाग्नि
झारखण्ड/रांची : दिशोम गुरू शिबू सोरेन आज मंगलवार को पंचतत्व में विलिन हो गए। पैतृक गांव नेमरा में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। छोटे बेटे बसंत सोरेन ने पिता शिबू सोरेन को मुखाग्नि दी।
दिशोम गुरु की अंतिम यात्रा में हर किसी की आंखे नम थीं, चाहें वो यात्रा में शामिल व्यक्ति हो या राज्य के किसी भी कोने में रह रहा व्यक्ति, सभी की आंखें नम हो गई।
शिबू सोरेन के पार्थिव शरीर को आज मंगलवार को विधानसभा में अंतिम दर्शन के बाद उनके पैतृक गांव नेमरा ले जाया गया। उनके अंतिम दीदार के लिए रांची से नेमरा तक लोगों ने बेसब्री से इंतजार किया। गुरुजी के चाहने वाले सुबह से ही सड़क के किनारे मौजूद थे।
नेमरा में अपने दिशोम गुरु को अंतिम विदाई देते वक्त सभी की आंखे छलक गईं। नम आंखों को सहसा विश्वास ही नहीं हो रहा था कि गुरूजी हमारे बीच नहीं है। सन्नाटे में लग रहा था हर घर, हर दीवार और हर पेड़ मानो रो रहा हो।
- अंतिम यात्रा में उमड़ा जन सैलाब
नेमरा में गुरुजी को अंतिम विदाई देने के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा। नेमरा पहुंचने के बाद अंतिम विदाई से पहले पारंपरिक रीति रिवाजों को पूरा किया गया। गुरुजी की अंतिम यात्रा के समय नेमरा गांव की गलियां भी पूरी कहानी बयां कर रही थीं। वहां के ग्रामीणों ने फूल बरसाकर उन्हें अंतिम विदाई दी।
पूरे गांव में शिबू सोरेन अमर रहे का नारा गूंजता रहा। बारिश के बीच भी उनके चाहने वाले डटे रहे। गुरुजी के सम्मान में झुकी हुई आंखें सबकुछ बयां कर रही थीं। सभी हाथ जोड़े खड़े रहे। किसी के पास शब्द नहीं थे, सिर्फ भाव झलक रहे थे। ऐसा लग रहा था कि आंसुओं की धुंध में गुरु जी ओझल होते हुए दिख रहे थे।
गुरुजी के अंतिम संस्कार में देश के दिग्गज नेता शामिल हुए। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे रांची एयरपोर्ट से सड़क मार्ग से नेमरा पहुंचे। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम, अन्नपूर्णा देवी, टीएमसी सांसद डेरेक ओब्रायन और सांसद पप्पू यादव के अलावा अर्जुन मुंडा, सुदेश महतो, डीजीपी अनुराग गुप्ता सहित झारखंड के मंत्री-विधायक से लेकर कई अन्य गणमान्य लोग भी मौके पर शामिल हुए।
