ज़िले के निजी विद्यालयों में शुल्क समिति का पंद्रह दिनों में हो गठन : उपायुक्त

झारखण्ड/पाकुड़ : झारखण्ड राज्य के शिक्षा सचिव के पत्र के आलोक में झारखण्ड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम, 2017 की धारा 7 (अ) (1) के तहत सरकार की ओर से निजी विद्यालयों पर शुल्क संबंधी एकरूपता लाने एवं मनमानी पर अंकुश लगाने हेतु प्रत्येक विद्यालय स्तर पर शुल्क समिति तथा अधिनियम की धारा 7(अ) (2) के आलोक में निर्धारित शुल्क के विरूद्ध विद्यालय स्तरीय शुल्क समितियों के प्रबंधन द्वारा निर्दिष्ट किये गये मामले में निर्णय लेने के लिये उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला समिति के गठन का प्रावधान है। साथ ही अधिनियम की धारा 7(अ) (5) के आलोक में प्रबंधन या निजी विद्यालय द्वारा इस अधिनियम या तद्वीन (तहत) बनाये गये नियमों के किसी भी प्रावधानों के उल्लंघन में वर्णित उत्तरदायित्वों के निर्धारण एवं कार्यान्वयन हेतु संबंधित प्रमंडल के प्रमंडलीय आयुक्त को अधिकृत किया गया है।
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उल्लेखनीय है कि शुल्क विनियमन हेतु अधिनियमित उक्त प्रावधानों के विरुद्ध सी.बी. एस.ई. बोर्ड से मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, झारखण्ड, राँची में WP(C) No. 2025/2019 DBMS Kadma High School Vs. State of Jharkhand & Others सहित समरूप अन्य 36 वाद दायर किये गये थे, जिसमें माननीय उच्च न्यायालय की खंडपीठ द्वारा दिनांक 14.03. 2024 को पारित आदेश में उन्हें वापस लिए जाने के आधार पर खारिज किया जा चुका है।
अतः झारखण्ड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम्, 2017 के आलोक में पंद्रह दिनों के भीतर विद्यालय स्तर पर शुल्क समिति गठित करते हुए अनुपालन प्रतिवेदन साक्ष्य सहित जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय, पाकुड़ में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।