संदिग्‍ध बीमारी से हड़कंप, मरीजों की संख्‍या 100 के पार

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  • एक की मौत
  • 17 लोग वेंटिलेटर पर

महाराष्ट्र के पुणे और आसपास के शहरों में फैली गिलियन-बैरे सिंड्रोम नाम की संदिग्‍ध बीमारी से रविवार को पहली मौत हो गई। बताया जा रहा है कि एक चार्टर्ड अकाउंटेंट की बीमारी के चलते मौत हो गई।

स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि 28 नए संक्रमित मरीजों के साथ अब इस बीमारी की चपेट में आए लोगों की संख्‍या 101 हो गई है। बुलेटिन में कहा गया कि संदिग्ध जीबीएस मरीज की मौत सोलापुर में हुई। टाइम्‍स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार इस बीमारी से ग्रस्‍त 16 मरीज इस वक्‍त वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। लक्षणों वाले लगभग 19 लोग नौ साल से कम उम्र के हैं, जबकि 50-80 साल की उम्र के 23 मामले अबतक सामने आए हैं।

स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने दी सलाह : स्‍वास्‍थ्‍य विभाग को 9 जनवरी को पुणे के अस्पताल में भर्ती एक मरीज पर इस क्लस्टर के अंदर पहला जीबीएस मामला होने का संदेह है। परीक्षणों से अस्पताल में भर्ती मरीजों से लिए गए कुछ नमूनों में कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी बैक्टीरिया का पता चला है। इससे पहले शनिवार को प्रशासन द्वारा जारी किए गए परीक्षण के नतीजों से पता चला था कि पुणे में पानी के मुख्य सोत्र खडकवासला बांध के पास एक कुएं में बैक्टीरिया ई कोली का हाई-लेवल है, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि कुएं का उपयोग किया जा रहा था या नहीं। लोगों को सलाह दी गई है कि वे पानी को उबाल लें और खाने से पहले उसे गर्म कर लें।

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क्या होती है GBS : बता दें कि रविवार तक 25,578 घरों का सर्वे किया जा चुका है। बीमार लोगों को ढूंढ जा रहा है और जीबीएस का पता लगाया जा रहा है। बताया गया कि जीबीएस का इलाज काफी महंगा है। हर इंजेक्शन की कीमत 20,000 रुपये है। जीबीएस तब होता है जब शरीर का इम्‍यूनिटी सिस्‍टम सहित बैक्टीरिया वायरल संक्रमण पर प्रतिक्रिया देते वक्‍त दिमाग के संकेतों को ले जाने वाली नसों पर गलती से हमला करती है।

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