Vakratunda Sankashti Chaturthi 2024: वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी पर ऐसे करें गणपति की पूजा, दूर होंगे सभी विघ्न

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सनातन धर्म में चतुर्थी तिथि का विशेष महत्व होता है। हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की चतु्र्थी तिथि भगवान श्री गणेश को समर्पित होती है। बहुत से लोग चतुर्थी व्रत का पालन भी करते हैं। वैदिक पंचांग के मुताबिक कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी व्रत किया जाएगा।

 धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने और भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से जातक को पुण्य फल मिलता है और उसके सभी दुख व कष्ट दूर हो जाते हैं। तो आइए जानते हैं वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी व्रत तिथि, मुहूर्त और पूजन विधि के बारे में…

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वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी व्रत
आज यानी की 20 अक्तूबर 2024 की सुबह 06:45 पर कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरूआत हुई है। वहीं अगले दिन यानी की 21 अक्तूबर की सुबह 04:15 मिनट पर इस तिथि की समाप्ति होगी। ऐसे में उदयातिथि के हिसाब से आज 20 अक्तूबर को वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जा रहा है।
पूजन विधि
इस दिन सुबह जल्दी स्नान आदि कर भगवान सूर्य देव को जल अर्पित करें। फिर पूजन स्थल पर हाथ में जल लेकर भगवान गणेश का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर आरती करें। बप्पा को धूप-दीप, नैवेद्य और दूर्वा आदि अर्पित करें। वहीं भगवान गणेश के मंत्रों और स्त्रोत का पाठ करें।
महत्व
धार्मिक शास्त्रों में वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी व्रत के महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया है। जो भी व्यक्ति इस व्रत का पालन करता है, उसको बल, बुद्ध, विद्या और धन की प्राप्ति होती है। भगवान श्री गणेश को ज्ञान और बुद्धि का देवता भी माना जाता है। वहीं गणपति को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। ऐसे में इस व्रत को करने वाले के जीवन से सभी विघ्न दूर होते हैं और उनको गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन किसी गरीब और जरूरतमंद को क्षमतानुसार दान जरूर करें।

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