• 23 लाख छात्रों पर फिर से नई परीक्षा का बोझ नहीं डाला जा सकता
  • IIT मद्रास द्वारा किए गए डेटा विश्लेषण में कोई असामान्यता या कोई सामूहिक गड़बड़ी नहीं मिली

नीट पेपर लीक मामले में केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया गया। सरकार ने कहा कि 23 लाख छात्रों पर फिर से नई परीक्षा का बोझ नहीं डाला जा सकता।

 

इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 8 जुलाई 2024 को राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) और सीबीआई से पेपर लीक होने के समय और परीक्षा के बीच की अवधि के बारे में जानकारी मांगी थी। इस बीच एनटीए ने भी सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दिया है।

 

 

केंद्र सरकार ने कहा कि IIT मद्रास द्वारा किए गए डेटा विश्लेषण में कोई असामान्यता या कोई सामूहिक गड़बड़ी नहीं मिली है। केंद्र सरकार ने कहा कि समाधान खोजने के लिए हर कोशिश कर रही है और यह भी सुनिश्चित कर रही है कि किसी भी दोषी और अपात्र छात्र को लाभ नहीं मिलना चाहिए।

 

 

 

सरकार ने कहा कि 23 लाख छात्रों पर फिर से नई परीक्षा का बोझ नहीं डाला जा सकता यानी सरकार ने नीट परीक्षा दोबारा कराने की जरूरत नहीं समझी है। केंद्र सरकार ने उठाए गए मुद्दों पर विचार करने के लिए 7 सदस्यीय विशेषज्ञ पैनल बनाने का प्रस्ताव रखा है, ताकि भविष्य में इस तरह कोई पेपर लीक न हो।

 

वहीं NEET UG 2024 परीक्षा दोबारा होगी या नहीं इस पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई। मामले पर सुनवाई गुरुवार, 18 जुलाई को होगी।

 

 

उल्लेखनीय है कि नीट-यूजी 2024 में कुल 67 छात्रों ने 720 अंक प्राप्त किए, जो राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के इतिहास में अभूतपूर्व है। इस सूची में हरियाणा के एक केंद्र के छह छात्र शामिल हैं, जहां परीक्षा में अनियमितताओं को लेकर संदेह उत्पन्न हुआ। यह आरोप लगाया गया है कि कृपांक के चलते 67 छात्रों को शीर्ष रैंक प्राप्त करने में मदद मिली।

(भाषा)

AngeloGok

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed