• सभी 80 लोकसभा सीटों पर पीछे

उत्तर प्रदेश में अपनी सबसे बुरी चुनावी हार का सामना कर रही मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (BSP) उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर पीछे है। निर्वाचन आयोग के अनुसार वर्तमान में बसपा को देश में लगभग 1.92 प्रतिशत वोट मिले हैं और उत्तर प्रदेश में 9.16 प्रतिशत वोट मिले हैं।

 

समाजवादी पार्टी 37 लोकसभा सीट पर आगे : निर्वाचन आयोग के अनुसार, अपराह्न दो बजे तक समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में 37 लोकसभा सीट पर आगे हैं, जबकि ‘इंडिया’ में उनकी सहयोगी कांग्रेस सात सीट पर आगे है। राज्य में भाजपा 33 सीट पर आगे है, जबकि उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल और अपना दल (सोनेलाल) एक-एक सीट पर आगे हैं।

 

 

 

2014 में मोदी लहर में भाजपा पूरे राज्य में छा गई थी : आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के चंद्रशेखर नगीना (एससी) सीट से अपने निकटतम भाजपा प्रतिद्वंद्वी से 1.09 लाख से अधिक मतों से आगे हैं। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में जब मोदी लहर में भाजपा पूरे राज्य में छा गई थी। तब भी बसपा उत्तर प्रदेश की किसी भी संसदीय सीट पर जीत दर्ज करने में विफल रही थी।

 

 

 

1996 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने 6 सीटें जीती थीं : वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा और 10 संसदीय सीट पर जीत दर्ज की थी। बसपा ने 2009 में उप्र से 21 सीट जीती थीं, जबकि 2004 में उसने 19 सीट जीती थीं। मायावती के नेतृत्व वाली पार्टी ने 1996 के लोकसभा चुनाव में राज्य से छह सीट जीती थीं।

 

 

 

वर्ष 2022 के उप्र विधानसभा चुनाव में भी बसपा का चुनावी प्रदर्शन खराब रहा, क्योंकि बसपा का सिर्फ एक उम्मीदवार ही जीत पाया। फिलहाल बसपा को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त है। (भाषा)

AngeloGok

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