शर्मनाक : दुष्कर्म पीड़िता का स्कूल से नाम काटा, नहीं दे पाई बोर्ड परीक्षा

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राजस्थान के अजमेर जिले के एक निजी स्कूल ने 12वीं कक्षा की छात्रा और कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता का नाम स्कूल से काट दिया, जिसके चलते पीड़िता बोर्ड परीक्षा नहीं दे पाई।

 

 

नाबालिग लड़की एक निजी स्कूल में 12वीं कक्षा की छात्रा है। पिछले साल अक्टूबर में उसके साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई थी। घटना के बाद स्कूल प्रशासन ने उसे घर पर रहने के लिए कहा और स्कूल से उसका नाम काट दिया।

 

 

 

पीड़िता का आरोप है कि पिछले साल अक्टूबर में सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद स्कूल के प्रिंसिपल ने उसे स्कूल न आने के लिए कहा था।

 

 

  • क्या कहा था प्रिंसिपल ने 

आरोप है कि प्रिंसिपल ने कहा था कि उसके आने से स्कूल का माहौल खराब होगा। बाद में उसका नाम भी काट दिया गया और स्थानांतरण प्रमाणपत्र (टीसी) जारी कर दिया और जिसके कारण वह बोर्ड परीक्षा में शामिल नहीं हो सकी।

 

 

 

नाबालिग ने अपने पिता के साथ चाइल्ड हेल्पलाइन के माध्यम से अजमेर की जिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष अंजलि शर्मा से बृहस्पतिवार को मुलाकात कर उन्हें मामले की जानकारी दी। शर्मा ने शिकायत को जिला कलेक्टर और शिक्षा विभाग को भेज दिया।

 

 

  • जांच में सामने आया सच 

जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा मामले की जांच शुक्रवार को की गई। जांच में पता चला कि छात्रा (पीडिता) को नियमों के विरुद्ध ट्रांसफर सर्टिफिकेट जारी किया गया था और उसका नाम कट जाने के कारण वह बोर्ड परीक्षा नहीं दे सकी।

 

 

 

शर्मा ने बताया कि छात्रा के साथ पिछले साल अक्टूबर में कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। पीड़िता ने बताया कि घटना के बाद स्कूल के प्रिंसिपल ने उससे कहा कि वह स्कूल न आए क्योंकि इससे स्कूल का माहौल खराब हो जाएगा। लड़की स्कूल नहीं गई।

 

 

  • पूरक परीक्षा में मिल सकती है बैठने की अनुमति 

उन्होंने बताया कि दिसंबर में अर्धवार्षिक परीक्षाओं से पहले जब छात्रा ने स्कूल से संपर्क किया, तो उसे बताया गया कि उसका नाम काट दिया गया है। वह बोर्ड परीक्षा में शामिल नहीं हो सकी। वह मेधावी छात्रा है। हमें उम्मीद है कि उसे आने वाले दिनों में पूरक परीक्षाओं के दौरान बोर्ड परीक्षाओं में बैठने की अनुमति दी जाएगी।

 

 

मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी ओम शंकर वर्मा ने कहा कि शिक्षा विभाग की एक टीम ने शुक्रवार को जांच की और पाया कि स्कूल ने नियमों के खिलाफ टीसी जारी की। उन्होंने कहा कि स्कूल ने उसका नाम काट दिया और उसे जबरदस्ती टीसी जारी कर दी। यह मानदंडों के खिलाफ था। उन्होंने कहा कि मामले में आगे की कार्रवाई के लिए जांच रिपोर्ट निदेशक को भेज दी जाएगी।

 

(भाषा)

आकाश भगत

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