मुन्ना कुरैशी कौन है, कैसे बने रेस्क्यू ऑपरेशन के हीरो?

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उत्तरकाशी की सिल्कयारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया है। इस ऑपरेशन की सफलता में रैड होल माइनर्स का बड़ा योगदान है। इस ऑपरेशन की सफलता का श्रेय मुन्ना कुरैशी को दिया जा रहा है। उन्होंने आखिरी चट्टान को हटाया था। वह सबसे पहले मजदूरों तक पहुंचे थे।

 

इस रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम देने वालों की खूब तारीफ हो रही है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बचाव अभियान से जुड़े सभी लोगों के जज्बे को सलाम किया है।

 

 

 

कौन है मुन्ना कुरैशी : 29 साल के मुन्ना कुरैशी एक रैट होल माइनर हैं। वह दिल्ली की ट्रेंचलेस इंजीनियरिंग सर्विस नामक कंपनी में काम करते हैं। यह कंपनी सीवर लाइन और पानी की लाइनों को साफ करती है। ऑगर मशीन फैल होने के बाद मुन्ना को सुरंग में 12 मीटर मलबा हटाने के लिए उत्तराखंड लाया गया था। आखिरी चट्टान हटाकर वे इस ऑपरेशन के हीरो बन गए।

 

 

मुन्ना कुरैशी ने बताया कि जैसे ही मैंने आखिरी चट्टान हटाई और 41 फंसे हुए मजदूरों ने मुझे देखा तो उनका खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने मुझे गले लगा लिया, तालियां बजाईं और मुझे शुक्रिया कहा।

 

 

उन्होंने कहा कि वह एक भावुक करने वाला पल था। अंदर फंसे लोग लंबे समय से निकलने का इंतजार कर रहे थे, जब उन्होंने मुन्ना को देखा तो वे खुशी से झूम उठे। उनके साथ मोनू कुमार, वकील खान, फिरोज, परसादी लोधी और विपिन राजौत भी थे। उन्होंने सभी माइनर्स को गोद में उठा लिया। वहां जो इज्जत हमें मिली उसे कभी नहीं भूल सकते।

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