Adhik Maas Shivratri 2023: अधिकमास शिवरात्रि व्रत से होती है भोलेनाथ की कृपा

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आज अधिकमास की शिवरात्रि है, हर माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। अधिकमास शिवरात्रि और सावन सोमवार का अद्भुद संगम है, तो आइए हम आपको अधिकमास की शिवरात्रि व्रत की कथा और महत्व के बारे में बताते हैं। 
अधिकमास शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त 
अधिक मास कृष्ण चतुर्दशी तिथि 14 अगस्त 2023, सुबह 10 बजकर 25 मिनट पर शुरू होगी। साथ ही इसका समापन 15 अगस्त 2023, दोपहर 12 बजकर 42 मिनट पर होगा। ऐसे में अधिक मास शिवरात्रि का व्रत 14 अगस्त को किया जाएगा।

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अधिकमास शिवरात्रि व्रत से धन संबंधी समस्याएं होंगी दूर
अधिक मास की मासिक शिवरात्रि के दिन एक मुट्ठी में चावल लेकर उसे शिव मंदिर में चढ़ाएं और बाकी चावलों को किसी जरूरतमंद को दान कर दें। ऐसा करने से धन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।
अधिकमास शिवरात्रि व्रत के दिन इस मंत्र का करें जाप
अधिकमास शिवरात्रि के दिन रात्रि निशिता काल मुहूर्त में महादेव के आगे घी का दीपक जलाएंष। इसके साथ ही शिव जी के मंत्र “ऊँ शं शं शिवाय शं शं कुरु कुरु ऊँ” का जाप करें। इस उपाय को करने से कार्यस्थल पर तरक्की के योग बनते हैं।
अधिकमास शिवरात्रि व्रत से विवाह में हो रही परेशानी होगी दूर
यदि आपके विवाह होने में अड़चने आ रही हैं या वैवाहिक जीवन में कलह की स्थिति बनी हुई है तो, ऐसे में अधिकमास शिवरात्रि के दिन भोलेनाथ का जलाभिषेक जरूर करें। ऐसा करने से विवाह संबंधी समस्याएं तो दूर होती ही हैं साथ ही साधक की हर मनोकामना भी पूरी होती है।
अधिकमास शिवरात्रि व्रत पर करें ये काम 
अधिकमास की मासिक शिवरात्रि 3 साल में एक बार आती है। ऐसे में धन प्राप्ति के लिए इस दिन एक मुट्ठी में चावल लेकर उसे शिव मंदिर में चढ़ाएं और बाकी चावलों को किसी जरूरतमंद को दान कर दें। ऐसा करने से व्यक्ति के धनवान बनने के मार्ग सुलभ होते हैं। शिव कृपा से पैसों की कमी नहीं होती है। कार्यस्थल पर मेहनत के बाद भी आपकी तरक्की नहीं हो रही, विरोधी पीठ पीछे काम बिगाड़ रहा है तो अधिकमास शिवरात्रि के दिन रात्रि निशिता काल मुहूर्त में महादेव के आगे घी का दीपक जलाएं साथ ही शिव जी के मंत्र “ऊँ शं शं शिवाय शं शं कुरु कुरु ऊँ” का जाप करें। ये उपाय शत्रु को शांत करता है।
 मासिक शिवरात्रि व्रत शिव-शक्ति के मिलन का दिन है। ऐसे में अधिकमास शिवरात्रि के दिन भोलेनाथ का जलाभिषेक करने से भक्त की हर मनोकामना पूरी होती है। ऐसा करने से शंभू जल्द प्रसन्न होते हैं और विवाह, वैवाहिक जीवन और संतान प्राप्ति में आ रही अड़चनों को नष्ट करते हैं। शिवरात्रि की रात आध्यात्मिक शक्तियां जागृत होती हैं। ऐसे में इस दिन शिवलिंग में शमीपत्र चढ़ाने हैं तो शनि की शाढ़ेसाती, मारकेश तथा अशुभ ग्रह-गोचर से हानि नहीं होती। अधिकमास शिवरात्रि पर भोलेनाथ को भांग अर्पण करने से घर-परिवार की अशांति, प्रेत बाधा तथा चिंता दूर होती है। मां को अच्छी सेहत का वरदान मिलता है।
इस विधि से करें पूजा, मिलेगा भोलेनाथ का आशीर्वाद
अधिकमास की शिवरात्रि के दिन प्रात: स्नान कर, साफ कपड़े पहन व्रत का संकल्प लें। इसके बाद शिवलिंग का दूध, दही और शहदी जैसी चीजों के साथ अभिषेक करें। बाद में बेल पत्र पर चंदन से ओम नम: शिवाय लिखकर भोलेनाथ पर एक-एक कर चढ़ाएं और रुद्राष्टक और शिव चालीसा का पाठ करें। इसके बाद घी का दिला जलाकर भोलेनाथ की आरती करें. इसके बाद भगवान विष्णु के आगे भी दिया जलाएं और आरती करें। इससे भगवान शिव के साथ-साथ भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होगा। शिवरात्रि के दिन भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए पूजा के दैरान कुछ खास उपाय भी बताए गए हैं। शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने के दौरान चिकने वाला हिस्सा शिवलिंग की तरफ रखें और लगातार शिव मंत्र का जाप करते रहें। वहीं अगर कोई संतान सुख प्राप्त करना चाहते हैं तो उन्हें पानी में चीनी डालकर शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। वहीं सुखी वैवाहिक जीवन के लिए गाय के दूध में केसर मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक कर सकते हैं।
अधिकमास शिवरात्रि का महत्व
सावन का महीना भोलेनाथ और समर्पित है और अधिकमास में भगवान विष्णु की आराधना की जाती है। ऐसे में इस दौरान सच्चे दिल से पूजा करने से भगवान शिव के साथ-साथ विष्णु जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। वहीं शिवरात्रि का दिन शिव भक्तों के लिए बेहद खास होता है। भोलेनाथ की पूजा के लिए सबसे शुभ माने जाने वाले इस दिन व्रत रखा जाता है। पंडितों का मानना है कि भोलेनाथ सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता है। ऐसे में सही मुहूर्त में भोले शंकर की पूजा करने से ही उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है।
– प्रज्ञा पाण्डेय

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