लोक आस्था का महापर्व में आज मनाया गया खरना, सर्वाधिक कठिन निर्जला उपवास शुरू
- छठ पूजन की व्रतधारी महिलाओं ने गाय और कन्याओं को लगाया भोग
झारखण्ड/पाकुड़, अमड़ापाड़ा (संवाददाता) : छठ महापर्व से जुड़ा महत्वपूर्ण अनुष्ठान खरना व्रतियों द्वारा भक्तिभाव एवं सम्पूर्ण श्रद्धा से विधिपूर्वक मनाया गया। खरना के साथ ही व्रतियों द्वारा निर्जला उपवास का कठिन व्रत भी शुरू हो गया। व्रत का समापन अब शनिवार को सुबह की बेला में सूर्य देव को समर्पित अर्घ्य के साथ होगा।
खरना के बाद अब व्रती शुक्रवार शाम को होने वाले अर्घ्य से जुड़े अनुष्ठान की तैयारी में जुट गए हैं।
खरना छठ से जुड़ा एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। छठ मइया को समर्पित यह अनुष्ठान शाम वाले अर्घ्य से एक दिन पहले संपन्न किया जाता है। खरना में छठी माता को गुड़ व दूध में बनी खीर, पूड़ी, केला व मिठाई का चढ़ावा चढ़ाया जाता है। खास बात यह है कि इस अनुष्ठान में व्रती अकेली भाग लेती हैं। अनुष्ठान के समय व्रती को कोई भी टोक नहीं सकता है। इसका सख्ती से पालन करना अनिवार्य है। खरना का प्रसाद सबसे पहले व्रती द्वारा ग्रहण किया जाता है। इसके बाद इस प्रसाद को सभी में बांटा जाता है।
श्रद्धालुओं ने बताया कि यह पर्व शुद्धता का पर्व है। इसमें बहुत सी बातों का ध्यान रखा जाता है। खरना के दौरान साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। घर के लोग साल भर कहीं भी रहें, लेकिन इस पर्व में घर जरूर पहुंचते हैं।
यहां भी काफी संख्या में लोग छठ पूजा कर रहे हैं। आज खरना है। शुक्रवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इसके लिए तैयारी चल रही है।