Ashadh Gupta Navratri 2023: आषाढ़ गुप्त नवरात्रि में नौ दिन करते हैं 10 महाविद्याओं की पूजा, बन रहा है शुभ योग

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हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से गुप्त नवरात्रि की शुरूआत होती है। इस साल आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि का आरंभ आज यानी 19 जून से हो रहा है। वहीं इसकी समाप्ति 28 जून को होगी। इस साल गुप्त नवरात्रि के मौके पर कई शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन वृद्धि योग का निर्माण हो रहा है। बता दें कि वृद्धि योग का ज्योतिष शास्त्र में काफी महत्व बताया गया है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक वृद्धि योग में धार्मिक कार्यों करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस योग में घट स्थापना करने से व्यक्ति को विशेष फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का शुभ मुहूर्त, तिथि और इसके महत्व के बारे में…
तिथि और शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचाग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरूआत जून को सुबह 10:06 मिनट से होगी। वहीं इस तिथि का समापन 19 जून को सुबह 11:25 मिनट पर होगा। बता दें कि 19 जून को रात 01:00 बजे वृद्धि योग लगेगा। वहीं 20 जून को रात 01:15 पर इस योग की समाप्ति हो जाएगी। 

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गुप्त नवरात्रि की पूजा
चैत्र और शारदीय नवरात्रि की तरह ही गुप्त नवरात्रि में भी मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। इस दौरान घट स्थापना के साथ ही सुबह-शाम आरती, दुर्गा चालीसा और सप्तसती का पाठ किया जाता है। इसके बाद मां दुर्गा को लौंग व बताशे का भोग लगाएं। कलश स्थापना के दौरान मां दुर्गा को लाल पुष्प और लाल चुनरी भेंट करें। 
10 महाविद्याओं की साधना
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं की पूजा करने का विधान है। यह 10 महाविद्याएं मां दुर्गा का स्वरूप हैं। मान्यता के अनुसार, गुप्त नवरात्रि में तंत्र साधना किए जाने से व्यक्ति को विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस दौरान पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली समस्याओं का अंत होता है। गुप्त नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा किए जाने का विधान है। ऐसे में मां दुर्गा साधक से प्रसन्न होती है। 

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