Narsingh Jayanti 2023: नरसिंह जयंती व्रत से होंगी सभी मनोकामनाएं पूर्ण

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आज नरसिंह जयंती है, नरसिंह भगवान भगवान विष्णु का ही अवतार हैं, श्री विष्णु ने हिरण्यकश्यप को मारने के लिए क्रोधित होकर यह रूप धारण किया था, तो आइए हम आपको नरसिंह व्रत के महत्व तथा पूजा विधि के बारे में बताते हैं। 
जानें नरसिंह चतुर्दशी के बारे में खास 
वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को नरसिंह चतुर्दशी या नरसिंह जयंती मनाया जाता है। नरसिंह अवतार रूप में भगवान का स्वरूप बहुत विकराल था, लेकिन मूल रूप से वह सौम्य, सुन्दर एवं कल्याणकारी थे। नरसिंह जयंती के दिन प्रात उठकर स्नान करें तथा नरसिंह मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना करें। भगवान को फूल तथा चंदन अर्पित करें था विशेष कृपा पाने के लिए खास प्रकार के प्रसाद भी समर्पित कर सकते हैं। 
नरसिंह भगवान के हैं नाम अनेक 
नरसिंह भगवान को नरहरि, उग्र विर माहा विष्णु, हिरण्यकशिपु अरी के नाम से भी जाना जाता हैं।
नरसिंह भगवान की प्रार्थना भी जानें
नरसिंहदेव, के बारे में कई तरह की प्रार्थनाएँ की जाती हैं जिनमे कुछ प्रमुख ये हैंः
ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्।
नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्युमृत्युं नमाम्यहम् ।।
नरसिंह चतुर्दशी से जुड़ी पौराणिक कथा भी है रोचक
नरसिंह जयंती से जुड़ी पौराणिक कथा भी प्रचलित है। नरसिंह चतुर्दशी के दिन व्रत रखने वाले भक्तों को इस कथा को सुनने से विशेष लाभ होता है। इस पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीन काल में कश्यप नाम के एक ऋषि रहते थे। उनकी पत्नी का नाम दिति था। कश्यप ऋषि के हिरण्याक्ष तथा हिरण्यकश्यप दो पुत्र थे। हिरण्याक्ष को भगवान विष्णु ने वराह रूप धारण कर मारा था। हिरण्याक्ष के वध से हिरण्यकश्यप बहुत दुखी हुआ और उसे कठोर तपस्या की। उसकी कठोर तपस्या के परिणामस्वरूप ब्रह्मा जी ने उसे अजेय होने का  वरदान दिया। इस वरदान से हिरण्यकश्यप बहुत अहंकारी हो गया और उसने अपनी प्रजा से स्वयं को देवता की भांति पूजने का आदेश दिया। इससे हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रह्लाद बहुत दुखी था। भक्त प्रह्लाद विष्णु का उपासक था इसलिए हिरण्यकश्यप उसे बहुत यातनाएं देता था। उसकी यातनाओं से दुखी होकर प्रह्लाद ने विष्णु भगवान से प्रार्थना की। तब विष्णु भगवान ने नरसिंह का रूप धारण कर हिरण्यकश्यप की हत्या कर भक्तों के दुख दूर किए। नरसिंह भगवान ने भक्त प्रह्लाद से कहा कि नरसिंह जयंती के दिन जो भी व्रत रखेगा उसके सारे कष्ट दूर हो जाएंगे।

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नरसिंह जयंती पर इन उपायों से मिलता है लाभ
भगवान नरसिंह बहुत दयावान थे। अपने भक्त की रक्षा हेतु भगवान सदैव उनके साथ रहते हैं तथा मुश्किल समय में उनकी सहायता करते हैं। नरसिंह भगवान विष्णु के क्रोधावतार हैं इसलिए उन्हें ठंडी वस्तुएं समर्पित करें, इससे आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। साथ ही नरसिहं भगवान को प्रसन्न करने हेतु ये उपाय कर सकते हैं। 
– अगर भक्त नरसिंह भगवान को नागकेसर चढ़ाते हैं तो धन की बचत होती है और व्यक्ति धनवान होता है। इसलिए भगवान को समर्पित किए गए नागकेसर को अपनी तिजोरी में रखें आपको लाभ मिलेगा। 
– अगर आप कोर्ट-कचहरी के चक्करों में फंसे हैं तो नरसिंह जयंती के दिन भगवान नरसिंह को दही चढ़ाएं आपको लाभ मिलेगा।
– यदि कोई कालसर्प दोष से ग्रसित है तो उसे नरसिंह जयंती के दिन किसी नरसिंह मंदिर में जाकर मोरपंख अर्पित करें इससे सभी प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती हैं। 
– भगवान नरसिंह को सदैव बर्फ मिला हुआ जल चढ़ाएं इससे आपको सफलता प्राप्त होगी। 
– नरसिंह जयंती के दिन नरसिंह मंदिर में मक्के  का आटा दान करने से सभी से सम्बन्ध सुधर जाते हैं। 
– यदि आपका पैसा किसी स्थान पर फंसा है तो नरसिंह भगवान को सोना या चांदी समर्पित करें इससे आपका फंसा हुआ पैसा वापस मिल जाएगा। 
– किसी लम्बी बीमारी से ग्रसित हैं तो नरसिंह भगवान को चंदन का लेप लगाएं इससे रोग ठीक हो जाता है तथा रोगी को आराम मिलता है। 
नरसिंह जयंती की ऐसे करें पूजा
नरसिंह जयंती के दिन सुबह सुबह उठकर स्नान करना चाहिए और भगवान नरसिंह व विष्णु की प्रतिमा की पूजा आदि करनी चाहिए। पूरे दिन का उपवास करना चाहिए और सूर्यास्त के समय भगवान नरसिंह की पूजा व आरती करनी चाहिए। इस दिन गरीबों को कपड़े, कीमती धातुओं और तिल के बीज दान करना अच्छा होता है।
नरसिंह जयंती का महत्व भी है खास
नरसिंह जयंती का लक्ष्य अधर्म को समाप्त करना और धर्म के मार्ग पर चलना है। जो इस दिन उपवास रखता है और ईमानदारी से भगवान से प्रार्थना करता है, उसे मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद मिलता है। इसके अलावा, यह भी कहा जाता है कि यदि कोई दूसरों के प्रति शत्रुता दिखाता है तो उस व्यक्ति को इस दिन भगवान नरसिंह का श्रद्धापूर्वक सम्मान करना चाहिए और इससे वे शांत हो जाएंगे। भगवान नरसिंह अपने अनुयायियों को जीवन में बुरी नजर और साजिशों से बचाते हैं।
नरसिंह जयंती के लिए ऐसे करें अनुष्ठान
भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए नरसिंह जयंती के दिन कुछ पूजा अनुष्ठान किए जाते हैं। वे इस प्रकार हैं:
– सूर्योदय से पहले उठ जाएं।
– स्नान करने के बाद, भगवान नरसिंह की पूजा शुरू करें।
– चंदन पाउडर (चंदन), केसर (केसर), नारियल, फल और फूल चढ़ाएं।
– इसके बाद ‘नरसिंह गायत्री मंत्र’ का जाप करें।
– उपवास करने वाले भक्तों को अपनी सुविधा के अनुसार तिल (तिल) या सोना जैसी चीजों का दान करना चाहिए।
– प्रज्ञा पाण्डेय

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