माइक्रो प्लान बनाकर लक्ष्य के विरुद्ध शत-प्रतिशत् बच्चों को मिजिल्स रुबैला संक्रमण की रोकथाम हेतु टीकाकरण करे : डीडीसी

IMG-20230405-WA0003

 

  • उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई

झारखण्ड/पाकुड़ : जिले में मिजिल्स रुबैला संक्रमण की रोकथाम के लिए 12 अप्रैल से टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। इसे लेकर उप विकास आयुक्त मो० शाहिद अख्तर की अध्यक्षता में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई।

 

 

प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिविल सर्जन डॉ मंटू कुमार टेकरीवाल एवं डॉक्टर मनीष कुमार द्वारा बताया गया कि भारत सरकार ने इस वर्ष मिजिल्स रूबैला के उन्मूलन के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए प्रथम दो सप्ताह स्कूल में, फिर दो सप्ताह आंगनवाड़ी में और एक सप्ताह छूटे हुए बच्चो को टीका लगाया जायेगा।अभियान के दौरान सभी स्कूल, आंगनबाड़ी और स्वास्थ्य संस्थान में टीकाकरण किया जाएगा। इसके सफल क्रियान्वयन के लिए शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, सभी पंचायती राज संस्थान एवं एनजीओ से सहयोग लिया जाएगा। शहरी क्षेत्र में गैर सरकारी स्कूल में सफलतापूर्वक टीकाकरण करने के लिए जिला शिक्षा अधीक्षक सभी स्कूल से बच्चों की लक्षित संख्या समय पर उपलब्ध करवाएंगे। शत-प्रतिशत् लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग माइक्रो प्लान बनाकर और प्रचार प्रसार से अधिक से अधिक लोगों तक इसकी जानकारी पहुंचाएंगे‌। खसरा और रूबैला बीमारी को लेकर सभी प्रखंडों में प्रचार-प्रसार के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

 

 

  • टीका पूरी तरह सुरक्षित

उप विकास आयुक्त मो० शाहिद अख्तर ने कहा कि अभियान के अंतर्गत 9 माह से 15 वर्ष तक के बच्चों को यह टीका लगाया जाएगा। अगर बच्चे ने पहले भी टीका लिया है तो भी उसे टीका दिया जाएगा। कहा खसरा रोग के सफाई तथा रूबैला को नियंत्रित करने के लिए बच्चों को यह टीका दिया जाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा खसरा रूबैला का टीका पूर्ण रूप से सुरक्षित है‌ इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है। बच्चों को यह टीका एक प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी द्वारा लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं एमओआईसी स्वयं माइक्रो प्लान तैयार करें जिससे कोई बच्चा छूटे नहीं। साथ ही प्रखंड में मुखिया एवं पंचायत समिति सदस्यों का सहयोग ले।

 

 

  • क्या है रूबैला संक्रमण

रूबैला एक संक्रामक रोग है। यह भी वायरस द्वारा फैलता है। इसके लक्षण खसरा रोग जैसे होते हैं, यह लड़के या लड़की दोनों को संक्रमित कर सकता है। यदि कोई महिला गर्भावस्था के शुरुआती चरण में इससे संक्रमित हो जाए तो कंजेनिटल रूबैला सिंड्रोम (सीआरएस) हो सकता है जो उसके भ्रूण तथा नवजात शिशु के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।

 

मौके पर डब्ल्यूएचओ डॉ शिरीष कुमार, डॉ अमित कुमार, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला खेल पदाधिकारी, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी समेत अन्य मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *