Chaitra Navratri 2023: जानिए चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन कैसे करें मां ब्रह्माचारिणी की पूजा, नोट करें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

0
चैत्र नवरात्रि की 22 मार्च 2023 से शुरूआत हो गई है। नवरात्रि का दूसरा दिन मां दुर्गा की दूसरी शक्ति मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूरे विधि-विधान से पूजन-अर्चन किया जाता है। बता दें कि मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना करने से संयम और त्याग की भावना की जागृति होती है। संयम और त्याग की भावना लक्ष्य प्राप्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मान्यता के अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव-शंकर को प्रसन्न करने के लिए कई सालों तक निराहार रहकर और अत्यन्त कठिन तप किया था। उनकी तपस्या से महादेव प्रसन्न हुए थे। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का मुहूर्त, शुभ योग और पूजन विधि के बारे में बताने जा रहे हैं।
दूसरे दिन का मुहूर्त 
चैत्र शुक्ल द्वितीया तिथि शुरू – 22 मार्च 2023, रात 08:20
चैत्र शुक्ल द्वितीया तिथि समाप्त – 23 मार्च 2023, रात 06:20
शुभ (उत्तम मुहूर्त) – सुबह 06:22 – सुबह 07:54
लाभ (उन्नति मुहूर्त) – दोपहर 12:28 – दोपहर 01:59

इसे भी पढ़ें: Chaitra Navratri 2023: नवरात्रि में भूलकर भी न करें इन चीजों का सेवन, इन बातों का रखें विशेष ध्यान

शुभ योग
इंद्र योग – 23 मार्च, सुबह 06.16 – 24 मार्च, सुबह 03.43
सर्वार्थ सिद्धि योग – पूरे दिन
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि
चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित होता है। इस दिन पीले या सफेद वस्त्र पहनकर पूजा करनी चाहिए। हालांकि मां दुर्गा को लाल रंग अतिप्रिय है। लेकिन मां ब्रह्मचारिणी को इस दिन सफेद वस्तुएं अर्पित करने से भाग्य चमक उठता है। इस दिन मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर या पंचामृत का भोग लगाना चाहिए। साथ ही मां ब्रह्मचारिणी के मूलमंत्र ऊं ऐं नम: मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए। निराहार रह कर पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इससे भक्त को पूरा फल प्राप्त होता है। इस विधि से पूजा करने से मां ब्रह्मचारिणी भक्तों को सफलता का आशीर्वाद देती हैं।
करें ये उपाय
चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है। इस दिन मां ब्रह्मचारिणी को चांदी की वस्तु अर्पित करनी चाहिए। साथ ही नवरात्रि के दूसरे दिन शिक्षा और ज्ञान की प्राप्ति के लिए मां सरस्वती का पूजन करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से बौद्धिक विकास होता है। करियर में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं। 
मां ब्रह्मचारिणी का मंत्र
ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:।
या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed