विश्व में कुछ ताकतें ‘भारतीय पुनरुत्थान’ को स्वीकार नहीं कर रही
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की निर्णय लेने की शीर्ष संस्था ने सोमवार को कहा कि विश्व में कुछ ताकतें ‘भारतीय’ पुनरुत्थान’ को स्वीकार नहीं कर रहीं, वे देश के भीतर एवं बाहर ‘हिंदुत्व विचार’ का विरोध कर रही हैं और समाज में आपसी अविश्वास एवं अराजकता पैदा करने के लिए ‘नए षड्यंत्र’ रच रही हैं।
आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) ने कहा कि इस प्रकार की ताकतों के मंसूबों को विफल करने की आवश्यकता है। एबीपीएस ने यहां अपनी बैठक में एक प्रस्ताव पारित करते हुए लोगों से विभाजनकारी ताकतों को लेकर सतर्क रहने का आग्रह किया।
उसने कहा कि एबीपीएस इस तथ्य को रेखांकित करना चाहती है कि जहां कई देश भारत के लिए सम्मान और सद्भावना रखते हैं, वहीं दुनिया की कुछ ताकतें अपने ‘स्व’ या स्वार्थ के आधार पर इस भारतीय पुनरुत्थान को स्वीकार नहीं कर रही।
एबीपीएस ने कहा कि हिंदुत्व के विचार का विरोध करने वाली देश के भीतर और बाहर की अनेक ताकतें निहित स्वार्थों और भेदों को उभार कर समाज में परस्पर अविश्वास, तंत्र के प्रति अविश्वास और अराजकता पैदा करने हेतु नए-नए षड्यंत्र रच रही हैं। हमें इन सबके प्रति जागरूक रहते हुए उनके मंतव्यों को भी विफल करना होगा।
महत्वपूर्ण उपलब्धियां : बैठक में कहा गया कि आजादी मिलने के बाद देश ने अनेक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनकर उभर रही है। तीन दिवसीय बैठक की शुरुआत के दिन रविवार को संघ ने अपनी वार्षिक प्रतिनिधि सभा की बैठक में दिवंगत सपा नेता मुलायम सिंह यादव, समाजवादी नेता शरद यादव, वरिष्ठ अधिवक्ता शांति भूषण और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन मोदी आदि को श्रद्धांजलि अर्पित की।
(भाषा/वेबदुनिया)