जानें आम बजट 2022-23 की मुख्य बातें, क्या है ख़ास
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में आम बजट 2022-23 पेश किया।
बजट की मुख्य बातें इस तरह हैं :
वित्त वर्ष 2021-22 में अर्थव्यवस्था में तीव्र पुनरुद्धार आया, आर्थिक वृद्धि 9.2 प्रतिशत रहने का अनुमान।
वित्त वर्ष 2021-22 में राजकोषीय घाटा 6.9 प्रतिशत, 2022-23 में 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान।
वित्त वर्ष 2022-23 में कुल व्यय 39.45 लाख करोड़ रुपए अनुमानित, कर्ज के अलावा कुल प्राप्ति 22.84 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान।
आयकर दरों और स्लैब में कोई बदलाव नहीं। मानक कटौती भी यथावत।
तराशे और पॉलिश हीरे, रत्नों पर सीमा शुल्क घटाकर 5 प्रतिशत किया गया।
अगले वित्त वर्ष में विनिवेश से 65,000 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य, चालू वित्त वर्ष के विनिवेश लक्ष्य को 1.75 लाख करोड़ रुपए से घटाकर 78,000 करोड़ रुपए किया गया।
एयर इंडिया के मालिकाना हक का रणनीतिक हस्तांतरण पूरा हुआ। एनआईएनएल (नीलाचल इस्पात निगम) के रणनीतिक खरीदारों को चुन लिया गया है। 8. पूंजीगत व्यय 2022-23 के लिए 35.4 प्रतिशत बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपए किया गया।
राज्यों को 2022-23 में जीएसडीपी के 4 प्रतिशत तक राजकोषीय घाटे की अनुमति दी जाएगी।
आभासी डिजिटल करेंसी के हस्तांतरण से होने वाली किसी भी आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगाया जाएगा।
केंद्र सरकार के कर्मचारियों को नेशनल पेंशन योजना में योगदान पर 14% तक की कर राहत मिलती है, जबकि राज्य सरकार के कर्मचारियों को 10 प्रतिशत। इसमें बदलाव करते हुए राज्य सरकार को भी 14% कर राहत देने का प्रस्ताव किया गया है।
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए, पूंजीगत खरीद बजट का 68 प्रतिशत घरेलू उद्योग के लिए निर्धारित किया गया है।
सहकारी समितियों के लिये न्यूनतम वैकल्पिक कर घटाकर कंपनियों के अनुरूप 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव। 14. आरबीआई की ओर से 2022-23 से ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करके ‘डिजिटल रुपया’ पेश करने का प्रस्ताव।
सरकार दाखिल आईटीआर में भूल-चूक सुधारने को लेकर एकबारगी मोहलत देगी, अद्यतन रिटर्न दो साल के भीतर भरे जा सकेंगे।
नवगठित विनिर्माण कंपनियों के लिए 15 प्रतिशत की रियायती कॉरपोरेट कर की दर एक और वर्ष के लिए मार्च, 2024 तक जारी रहेगी।
आय पर उपकर या अधिभार को व्यापार खर्च के रूप में दिखाने की अनुमति नहीं। 18. वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए सभी डाकघरों को कोर बैंकिंग समाधान से जोड़ा जाएगा।
बिना मिश्रण वाले ईंधन पर एक अक्टूबर से दो रुपए लीटर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगेगा, इसका मकसद पेट्रोल और डीजल में जैव ईंधन के मिश्रण को बढ़ावा देना है।
डिजिटल बैंकिंग को हर नागरिक तक पहुंचाने के उद्देश्य से देश के 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां शुरू होंगी।
वर्ष 2022-23 में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पीएम आवास योजना के तहत 80 लाख घरों के निर्माण को पूरा करने के लिए 48,000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
5जी मोबाइल सेवाओं के लिए 2022 में स्पेक्ट्रम की नीलामी आयोजित की जाएगी। पीएलआई योजना के हिस्से के रूप में 5जी के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने को डिजाइन आधारित विनिर्माण योजना शुरू की जाएगी।
प्रधानमंत्री ई विद्या के ‘वन क्लास, वन टीवी चैनल’ कार्यक्रम को 12 से 200 टीवी चैनलों तक बढ़ाया जाएगा। यह सभी राज्यों को कक्षा 1 से 12 तक क्षेत्रीय भाषाओं में पूरक शिक्षा प्रदान करने में सक्षम बनाएगा।
उद्यम, ई-श्रम, एनसीएस और असीम पोर्टल आपस में जुड़ेंगे। 25. पांच (दमनगंगा-पिंजल, तापी-नर्मदा, गोदावरी-कृष्णा, कृष्णा-पेन्नार और पेन्नार-कावेरी) नदियों को जोड़ने की परियोजना के लिए डीपीआर मसौदे को अंतिम रूप दिया गया।
44,605 करोड़ रुपए की केन-बेतवा संपर्क परियोजना का कार्यान्वयन किया जाएगा, जिससे नौ लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि को सिंचाई की सुविधा मिल सकेगी।
पहाड़ी क्षेत्रों में पारंपरिक सड़कों के लिए राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम को पीपीपी तरीके से लागू किया जाएगा, इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। 28. अगले तीन वर्षों में 400 नई पीढ़ी की वंदे भारत रेलगाड़ियों का विनिर्माण होगा।
रेलवे छोटे किसानों और छोटे व मझोले उद्यमों के लिए नए उत्पाद विकसित करेगा। 30. एक स्टेशन, एक उत्पाद योजना के जरिये स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जाएगा।
सुरक्षा और क्षमता बढ़ाने को लेकर 2,000 किलोमीटर रेल नेटवर्क को स्वदेशी प्रौद्योगिकी- कवच के अंतर्गत लाया जाएगा।
सड़क परिवहन मास्टरप्लान के लिए पीएम गति शक्ति को 2022-23 में अंतिम रूप दिया जाएगा। 33. अगले तीन साल में सौ पीएम गति शक्ति टर्मिनल गठित किये जाएंगे।
2022-23 के बीच राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 25,000 किमी तक बढ़ाई जाएगी, विस्तार पर 20 हजार करोड़ रुपए होंगे खर्च। रबी 2021-22 में 163 लाख किसानों से 1,208 टन गेहूं और धान खरीदा जाएगा। वर्ष 2023 को मोटा अनाज वर्ष घोषित किया गया।
गंगा नदी के आसपास के क्षेत्रों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।
तिलहन उत्पादन बढ़ाने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिये योजना लायी जाएगी।
सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं और धान की खरीद के लिये 2.37 लाख करोड़ रुपए भुगतान करेगी।
उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना को 14 क्षेत्रों में मिली शानदार प्रतिक्रिया, तीस लाख करोड़ रुपए के निवेश के प्रस्ताव मिले।
चार स्थानों पर बहु-मॉडल पार्क के लिए अनुबंध अगले वित्त वर्ष में दिए जाएंगे।
ईसीएलजीएस योजना को, मार्च 2023 तक बढ़ाया जाएगा और गारंटी कवर को 50,000 रुपए बढ़ाकर पांच लाख करोड़ रुपए किया जाएगा।
चिप आधारित ई-पासपोर्ट जारी किए जाएंगे।
शहरी नियोजन के लिए पांच मौजूदा शैक्षणिक संस्थानों को 250 करोड़ रुपए की राशि के साथ उत्कृष्टता केंद्र के रूप में नामित किया जाएगा।
सरकार के कर्ज कार्यक्रम के तहत संसाधन जुटाने को हरित बॉन्ड जारी किए जाएंगे।
तेजी से विवाद समाधान के लिए गिफ्ट सिटी में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र स्थापित किया जाएगा।