विद्यालय परिवार की ओर से शैक्षणिक भ्रमण का हुआ आयोजन

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  • शैक्षणिक भ्रमण, शिक्षा का एक अंश

झारखण्ड/पाकुड़ : श्री गुरुदेव कोचिंग सेन्टर सह नवीन युग विद्यालय, पाकुड विद्यालय परिवार की ओर से शैक्षणिक भ्रमण करने प० बंगाल के मुर्शिदाबाद में स्थित हजारद्वारी गए थे।

 

 

हजारद्वारी देखने व समझने योग्य ऐतिहासिक स्थल है। इसका निर्माण उन्नीसवीं शताब्दी में नवाब निजाम हुमायूँ जहाँ ने किया था। हुमायूँ जहाँ ने बंगाल, बिहार और उड़ीसा तीनों राज्य पर शासन किया था । इस महल का आधारशिला 09 अगस्त 1829 ई० को रखी गई और उसी दिन से निर्माण कार्य प्रारम्भ किया गया।

 

हजारद्वारी पर्यटक के लिए आकर्षण का केन्द्र है, यहाँ सभी धर्मों के लोग आते हैं, एक तरह से हम कह सकते हैं कि यह सभी धर्मों का संगम स्थल है, यहाँ की प्राकृति छटा भी गजब की है, ऐतिहासिक हजारद्वारी के बगल से माँ गंगा नदी बहती है, इससे इसकी खूबसूरती में चार चाँद लग गए हैं, गंगा नदी के आस-पास के क्षेत्र काफी सुन्दर और मनोरम हैं, इस महल में 114 कमरे और 1000 वास्तविक दरवाजे हैं। सबसे बड़ी भ्रमित करने वाली बात यह है कि इसमें 900 दरवाजे भ्रमित करने वाले हैं। दरवाजे की वजह से हमलावर भ्रमित हो जाते थे और पकड़े जाते थे। इस महल में उस समय के सिंहासन, नवाब के हर सुख-साधन, युद्ध के तमाम अस्त्र-शस्त्र सहित उक्त समय के वाहन, जीव-जन्तु आदि आकर्षण के केन्द्र हैं। यहाँ पर सात ऐसे अन्य दर्शनीय स्थल हैं, जिसे नजदीक से देखने, जानने, समझने और महसुस करने की आवश्यकता है।

शैक्षणिक भ्रमण मनोवैज्ञानिक सिद्धांतो पर आधारित है, शैक्षणिक भ्रमण से इन्द्रियों आदि द्वारा छात्र-छात्राओं को प्रत्यक्ष ज्ञान प्राप्त होता है, सुगमता से देखने, समझने का अवसर प्राप्त होता है, निरीक्षण, कल्पना आदि शक्ति का विकास होता है जो सामाजिक सिद्धांतों पर आधारित है। स्पष्ट, प्रत्यक्ष अनुभव के साथ ज्ञान, व्यवहारिक ज्ञान, स्वास्थ्य, दृष्टिकोण विस्तृत और प्राकृति से जुड़ने का का अवसर प्राप्त होता है। शैक्षणिक भ्रमण, शिक्षा का एक अंश है।

 

 

विद्यालय परिवार को प्रत्येक वर्ष के प्रारम्भ में मौसम को ध्यान में रखते हुए छात्र-छात्राओं को शैक्षणिक भ्रमण के लिए लेकर जाना चाहिए । बच्चों के सर्वांगीण विकास की कड़ी के रुप में लाभप्रद है।

 

उक्त शैक्षणिक भ्रमण में विद्यालय निदेशक रामरंजन कुमार सिंह, व्यवस्थापिका प्रेमलता सिंह, प्राचार्या वर्षा सिंह, निशित आनन्द, वरिष्ठ शिक्षिका, सीमा कुमारी, सहायक शिक्षक/शिक्षिका रौशन कुमार सिंह, सनातन मंडल, सौरभ कुमार सिंह, सुनीता हाँसदा, लता मुर्मू, शैलेश मुर्मू, गौतम मिश्रा सहित 30 छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

आकाश भगत

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