• इस वर्ष मारे गए 189 आतंकवादी
  • 30 सुरक्षाकर्मी भी हुए शहीद

जम्मू-कश्मीर में इस साल आतंकवादी हिंसा में 251 लोगों की जान चली गई। इनमें 32 नागरिक की मौत हुई, जबकि 30 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए। इस अवधि में सुरक्षाबलों ने 189 आतंकियों को भी मार गिराया। इस साल मरने वालों का आंकड़ा पिछले दो सालों से कम है।

 

अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष अभी तक सिर्फ 4 आतंकी ही कम मारे गए हैं, जबकि वर्ष 2020 में मरने वाले आतंकियों की संख्या 232 थी। वर्ष 2021 में कुल 274 मौतों को कश्मीर ने देखा था, जबकि साल 2020 में यह आंकड़ा 321 था।  तीन सालों की तुलना में इस साल कश्मीर में नागरिकों की मौतों का आंकड़ा भी कम है, वहीं सुरक्षाकर्मियों की मौत का आंकड़ा भी पिछले दो सालों से कम है।

 

 

इस साल कश्मीर में 30 जवान शहीद हुए। पिछले साल यहां 45 जवान शहीद हुए थे, वहीं वर्ष 2020 में उनकी संख्या 56 थी। ऐसा ही नागरिकों की मौतों के साथ था। वर्ष 2020 में 33 नागरिक मारे गए थे तो इस साल 30 की जान आतंकियों ने ली है। हालांकि पिछले साल यह संख्या 36 थी।

 

इस साल सबसे कम आतंकी दिसंबर में मारे गए, जिनकी संख्‍या 3 है, जबकि सबसे ज्यादा आतंकियों को जून में ढेर किया गया था। तब 35 आतंकियों को सुरक्षाबलों ने जहन्नुम में पहुंचाया था।

 

 

दरअसल अमरनाथ यात्रा के शुरू होने से पहले सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन ऑलआउट में जो तेजी लाई थी उसी कारण 3 महीनों में मारे गए आतंकियों की संख्या 88 को पार कर गई थी। इस साल अगर अप्रैल में 26 आतंकी मारे गए थे तो मई में 27 को ढेर कर दिया गया था। इसी तरह से जनवरी महीने में भी 22 आतंकियों को मार गिराया गया था।

 

 

  • कश्मीरी पंडित के हत्यारे 2 आतंकी ढेर 

कश्मीर के शोपियां इलाके में मंगलवार को मुंजमर्ग गांव में एक मुठभेड़ में लश्करे तैयबा के हिट स्क्वाड द रजिस्टेंस फ्रंट टीआरफ के तीन आतंकियों को मार गिराया। मारे आतंकियों में से दो एक कश्मीरी हिंदू पूर्ण कृष्ण भट्ट की हत्या और एक नेपाली नागरिक की हत्या में लिप्त थे, जबकि तीसरे आतंकी की पहचान नहीं हो पाई है।

 

 

दरअसल, पुलिस को पता चला था कि स्वचालित हथियारों से लैस तीन आतंकी मुंजमर्ग शोपियां में अपने किसी संपर्क सूत्र से मिलने आए हैं। पुलिस ने उसी समय सेना और सीआरपीएफ के जवानों के साथ मिलकर तीनों आतंकियों को पकड़ने के लिए एक अभियान चलाया। आधी रात के बाद जवानों ने गांव की घेराबंदी करते हुए आने जाने के सभी रास्ते बंद कर दिए। इसके बाद मंगलवार तड़के नमाज की पहली अजान के साथ ही सुरक्षाबलों ने अपना तलाशी अभियान शुरू किया और सुबह साढ़े 5 बजे के करीब शुरु हुई यह मुठभेड़ लगभग दो घंटे चली।

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