तंत्र सिद्धि और साधना के लिए रजरप्पा में जुटेंगे देशभर के तांत्रिक, पूरी रात होगी पूजा

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रजरप्पा के छिन्नमस्तिका मंदिर में आज कार्तिक अमावस्या की रात तंत्र सिद्धि के लिए कई बड़े तांत्रिक और साधक छिन्नमस्तिका मंदिर पहुंच रहे हैं। तांत्रिक और साधक अमावस्या की रात को कुछ गुप्त तो कई खुले आसमान के नीचे साधना करेंगे। मां छिन्नमस्तिका व दक्षिणेश्वरी काली मंदिर में रातभर पूजा-अर्चना होगी।

 

तंत्र-मंत्र सिद्धि के लिए छिन्नमस्तिका मंदिर की भूमि प्रभावशाली मानी जाती है। कार्तिक अमावस्या के माैके पर भारी संख्या में साधक यहां पहुंचते हैं। दिव्य साधना से मिलता है तुरंत फल: साधक असम के कामरूप कामाख्या से पहुंचे तांत्रिक ने बताया कि छिन्नमस्तिका मंदिर में शक्ति का एहसास होता है। सच्चे मन से साधना करने से माता के दिव्य रुप का दर्शन आसानी से हो सकता है।

 

मंदिर के अलावा जंगलाें में हाेती है गुप्त साधना यहां कार्तिक अमावस्या की रात कई रहस्यों की काली चादर लपेटे हुए हैं। भजन कीर्तन और हवन कुंडों की दहकती आग की लपटें अलौकिक शक्ति का एहसास कराती है। यहां दिन जितना सुहाना, रात उतनी ही रहस्यमयी लगती है। कई साधक गुप्त रूप से साधना के लिए जंगलों में रहते हैं।

 

इसका एहसास रात में जंगलों में उठने वाले धुंए व रहस्यमयी आवाजों से होता है। लाेग यहां क्याें करते हैं तंत्र-मंत्र की साधना साधकों के अनुसार, रजरप्पा में दामाेदर-भैरवी तट पर छिन्नमस्तिका मंदिर की पवित्र भूमि में कार्तिक अमावस्या की साधना व पूजा से सभी विघ्न बाधाएं दूर होती है।

आकाश भगत

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