ललिता सप्तमी का पूजन करने से मिलती है राधा-कृष्ण की विशेष कृपा, जानिए इस दिन का महत्व
श्रीकृष्ण और राधा रानी के भक्त उनकी विशेष कृपा पाने के लिए उनकी पूजा करते हैं। लेकिन सिर्फ कान्हा या राधा रानी का जाप करने से ही भक्तों को उनकी कृपा दृष्टि प्राप्त नहीं होती है, बल्कि उनके अनन्या भक्त ललिता सप्तमी के दिन ललिता देवी का पूजन भी करते हैं। ललिता सप्तमी हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल यह विशेष दिन आज शनिवार के दिन यानी 3 सितंबर को है। हर साल यह विशेष दिन राधा अष्टमी से एक दिन पहले मनाया जाता है। ऐसे बहुत कम लोग हैं, जो ललिता देवी के बारे में जानते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको ललिता देवी व ललिता सप्तमी के महत्व के बारे में बता रहे हैं-
कौन है देवी ललिता?
आपको शायद पता ना हो, लेकिन देवी ललिता वास्तव में एक गोपी हैं। लेकिन यह अन्य गोपियों से अलग थीं और राधा रानी की खास सहेली थी। इतना ही नहीं, यह भगवान श्रीकृष्ण की सबसे प्रिय गोपी थीं। इनकी महत्ता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इनका मथुरा स्थित ब्रज में एक मंदिर भी है। ऐसा माना जाता है कि जो भी भक्त गण राधा रानी और श्रीकृष्ण के साथ-साथ देवी ललिता की भी पूजा व आराधना करता है, उन्हें कान्हा की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
इसे भी पढ़ें: Gyan Ganga: देवकी मैय्या के मन का भय प्रभु ने किस तरह भगाया था?
ललिता सप्तमी का महत्व
यूं तो साल भर भक्तगण ललिता देवी का पूजन करते हैं। लेकिन ललिता सप्तमी के दिन पूजन का विशेष लाभ मिलता है। ऐसा माना जाता है कि अगर इस दिन देवी ललिता का पूरे विधि-विधान से पूजन किया जाए तो जोड़ों के संतान प्राप्ति के योग बनते हैं। वहीं, व्यक्ति को अपने जीवन के संकटों से भी छुटकारा मिल जाता है। इस खास दिन भक्त गण ना केवल देवी ललिता का पूजन करते हैं, बल्कि व्रत भी रखते हैं।
ललिता सप्तमी का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचाग के अनुसार, ललिता सप्तमी भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल ललिता सप्तमी का शुभ मुहूर्त 03 सितंबर, 2022 को दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक है।
– मिताली जैन