Maruti ने किया नए प्लान का ऐलान, मुश्किल में Tata, Hyundai
कारों के निर्माण को लेकर मारुति ने बड़ा ऐलान किया है। मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के यहां स्थित 40 वर्ष पुरा पहला संयंत्र फिलहाल बंद नहीं होगा और उसमें यथावत प्रोडक्शन चलता रहेगा। प्रोडक्शन बढ़ने से दूसरी कंपनी की कारों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। कंपनी हरियाणा में भी 18000 करोड़ का निवेश कर रही हैं।
खरखोदा में नया संयंत्र : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, उप मुख्यमंत्री एवं उद्योग मंत्री दुष्यंत चौटाला, मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष आरसी भार्गव और कंपनी के कार्यकारी उपाध्यक्ष केनिची आयुकावा की मौजूदगी में कंपनी द्वारा प्रदेश में तीसरा और देश का सबसे बड़ा संयंत्र आईएमटी खरखोदा में लगाने के लिए भूमि आवंटन दस्तावेज के हस्तांतरण के बाद कंपनी के अध्यक्ष ने यह बात कही। इस तीसरे संयंत्र के लिए कंपनी को हरियाणा औद्योगिक एवं इंफ्रास्ट्रक्चर विकास निगम लिमिटेड की ओर से 800 एकड़ भूमि आवंटन का दस्तावेज प्रदान किया गया।
इसके साथ ही कंपनी ने इस भूमि आवंटन के लिए सरकार को 2131 करोड़ रुपए का चेक भी प्रदान किया। हालांकि यह राशि ऑनलाइन ट्रांसफर की गई थी। कंपनी पहले चरण में 11 हजार करोड़ रुपये के निवेश से ढाई लाख वाहन निर्माण क्षमता का विकास करेगी और वर्ष 2025 में इस संयंत्र में उत्पादन शुरू होने का अनुमान है। आठ वर्ष में यह संयंत्र पूरी तरह से तैयार होगा और तक उसकी क्षमता 10 लाख वार्षिक होगी।
भार्गव ने कहा कि इस तीसरे संयंत्र के पूरी तरह से तैयार होने में आठ वर्ष लगेंगे। पहले चरण में उत्पादन 2025 में शुरू होगा। जब उनसे पूछा गया कि गुरूग्राम स्थित संयंत्र को कंपनी बंद करने की तैयारी कर रही है तो उन्होंने कहा कि फिलहाल ऐसा कुछ नहीं है। यह सच्चाई है कि पिछले 40 वर्षों में गुरुग्राम स्थित संयंत्र के आसपास घनी आबादी हो गई है और कंपनी का प्रयास है कि लोगों को कोई परेशानी नहीं हो और उत्पादन पर भी असर नहीं पड़े।
उन्होंने कहा कि गुरुग्राम संयंत्र की क्षमता 7.5 लाख वाहन वार्षिक है। मानेसर संयंत्र की क्षमता आठ लाख वाहन वार्षिक है। इस तरह से कुछ उत्पादन क्षमता अभी 15.5 लाख वाहन है और खरखोदा स्थित नए संयंत्र में उत्पादन शुरू होने पर वर्ष 2025 में यह क्षमता बढ़कर 18 लाख हो जाएगी। खरखोदा में 8 वर्षों में जब संयंत्र पूरी तरह से तैयार होगा तब उसकी उत्पादन क्षमता 10 लाख वाहन होगी।