IIS के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए बोले अपूर्व चंद्रा, ‘फैक्ट चैक’ से लगेगी ‘फेक न्यूज’ पर लगाम

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नई दिल्ली। ‘फेक न्यूज’ पर लगाम लगाने के लिए ‘फैक्ट चैक’ को महत्वपूर्ण बताते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा है कि सही खबरों को सही तरीके से आम जनता तक पहुंचाना बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कोरोना के समय में सरकारी सूचना तंत्र के माध्यम से लोगों तक सही जानकारी पहुंचाई गई, जिससे महामारी से बचाव में जनता को मदद मिली। चंद्रा शुक्रवार को भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) में भारतीय सूचना सेवा, ग्रुप ‘ए’ के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, ऑल इंडिया रेडियो के समाचार सेवा प्रभाग के प्रधान महानिदेशक एन वेणुधर रेड्डी, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के प्रकाशन विभाग की महानिदेशक मोनी दीपा मुखर्जी, आरएनआई के प्रेस रजिस्ट्रार धीरेंद्र ओझा, पत्र सूचना कार्यालय के महानिदेशक राजेश मल्होत्रा एवं भारत निर्वाचन आयोग की महानिदेशक (मीडिया) शेफाली शरण भी उपस्थित थी।

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अपूर्व चंद्रा ने कहा कि फेक न्यूज के युग में लोगों तक सही जानकारी पहुंचाना भारतीय सूचना सेवा के अधिकारियों की जिम्मेदारी है। कोरोना के दौर में संचार के मायने बदल गए हैं। लोगों तक सूचनाएं पहुंचाने के नए तरीके सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि सही सूचना के प्रयोग से आम आदमी किसी भी विषय पर सही निर्णय ले सकता है। इसलिए मीडिया और सोशल मीडिया के बदलते समय में सरकारी सूचना तंत्र के अधिकारियों को यह तय करना है जनता तक सही जानकारी पहुंचे। यूक्रेन से भारतीय छात्रों को निकालने का उदाहरण देते हुए चंद्रा ने कहा कि इस दौरान सरकार की प्रक्रिया पर कई सवाल उठाए गए। सोशल मीडिया में गलत जानकारियां फैलाई गईं। लेकिन हर खबर की तथ्य के साथ पड़ताल कर सरकार ने सही जानकारी लोगों तक पहुंचाने का काम किया। उन्होंने कहा कि एक वक्त था जब लोग मानते थे कि विदेशी मीडिया ने जो कह दिया वो सही है, लेकिन आज ऐसा नहीं है। आज सूचनाओं को जांचने के आधुनिक तरीके सभी के पास हैं। भारतीय सूचना सेवा के अधिकारियों को चाहिए कि वे उनका प्रयोग करें और फेक न्यूज को फैलने से रोकें।
अफसर नहीं, कम्युनिकेटर बनिए : प्रो. संजय द्विवेदी
भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि अगर आप एक काबिल अधिकारी बनना चाहते हैं, तो आपको ‘अफसर’ की तरह नहीं, बल्कि एक ‘कम्युनिकेटर’ की तरह लोगों से संवाद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकारी सूचना प्रणाली के माध्यम से यह सुनिश्चित करना आपकी जिम्मेदारी है कि सरकारी कार्यक्रमों और योजनाओं की जानकारी छोटे से छोटे गांव में रहने वाले नागरिकों तक पहुंचे। प्रो. द्विवेदी ने कहा कि सरकार और नागरिकों के बीच की दूरी को पाटने में भारतीय सूचना सेवा के अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। यदि आप विभिन्न योजनाओं के बारे में लोगों को सरल और स्पष्ट भाषा में सूचित करते हैं, तो वे अपने अधिकारों और सरकारी प्रक्रियाओं को बेहतर ढंग से समझ पाते हैं। उन्होंने कहा कि अगर आप सरकारी संचारक के तौर पर सफल होना चाहते हैं, तो लोगों से जुड़ें, संवाद करें और बदलाव लाएं। कार्यक्रम में स्वागत भाषण आईआईएमसी के अपर महानिदेशक श्री आशीष गोयल ने दिया एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रिंकू पेगू ने किया। इस अवसर पर संस्थान के डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह, प्रो. सुनेत्रा सेन नारायण, प्रो. आनंद प्रधान, प्रो. वीरेंद्र कुमार भारती, प्रो. प्रमोद कुमार एवं प्रो. संगीता प्रणवेंद्र भी उपस्थित थीं।

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