4 बेटे होने के बाद भी बुजुर्ग के नहीं आया कोई काम, पुलिस ने 20 मिनट के अंदर की पिता की मदद

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जब पुलिस का नाम सुनते है तो अपने आप लोग सहम से जाते है, क्योंकि अकसर लोग पुलिस को क्रूरता के रूप में देखते है। लेकिन ऐसा नहीं है, पुलिस का एक अलग चेहरा भी है जिसे आमतौर पर लोगों को नजर ही नहीं आता है। एक ऐसी ही खबर सामने आ रही है जहां पुलिस का दूसरा चेहरा देखने को मिला है। एक खबर के मुताबिक, 2 दिन पहले इंदिरा नगर में रहने वाले 65 वर्षीय रमनबाबू की अचानक तबीयत बिगड़ गई। उन्हें सांस लेने में दिक्कतें आ रही थी। रमने के चार बेटे है लेकिन किसी एक ने भी अपे पिता को दवाई या अस्पताल दिखाने का नहीं सोचा। उनेक बच्चों ने दवा खरीदना तक का नहीं सोचा। जिसको देखेत हुए रमन की मदद को पुलिस आई। पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि, पुलिस विभाग ने उनकी मदद की। 

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अपने बच्चों से सारी उम्मीदें तोड़ रमन को पुलिस का साथ ही काम आया। बता दें कि, पुलिस विभाग ने रमन की मदद की और रमन ने एक संस्था दीपक झा से बात की और अपनी समस्या बताई। इंसपेक्टर नवीन को जैसे ही खबर मिली वैसे ही बुजुर्ग की मदद के लिए सहायता भेजी गई और 20 मिनट के अंदर बुजुर्ग को दवाई उपलब्ध कराई गई। अब रमन की हालत में सुधार है।  

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