50 इंटरव्यू के बाद ड्रीम जॉब , बिहार की इस लड़की को गूगल में मिली एक करोड़ की नौकरी
हर दिन लाखों लोग अपनी मनचाही नौकरी को हासिल करने के लिए इंटरव्यू देते हैं। कुछ पहली मर्तबा ही कामयाब हो जाते हैं तो वहीं कुछ लोगों को अपनी मनचाही नौकरी और कामयाबी हासिल करने में थोड़ा समय लग जाता है। लेकिन अगर आपमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जुनून है तो कामयाबी एक ना एक दिन आपके कदमों पर आकर गिरती है। आप चाहे कितनी ही बार असफल क्यों ना हुए हैं लेकिन अगर आप लगन के साथ मेहनत करते हैं तो एक दिन आपको सफलता जरूर मिलती है। हम इस खबर में आपको एक ऐसी लड़की का संघर्ष बताने जा रहे हैं जिसने अपनी ड्रीम जॉब पाने के लिए 50 अलग-अलग जगहों पर इंटरव्यू दिए।
संप्रीति यादव
यह कहानी है मूल रूप से पटना बिहार की रहने वाली 24 साल की संप्रीति यादव की। संप्रीति सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं उन्हें गूगल में 1.10 करोड़ की नौकरी मिली। मगर उन्हें अपनी ड्रीम जॉब पाने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा। उन्होंने अपनी ड्रीम जॉब पाने के लिए लगभग 50 अलग-अलग जगहों पर इंटरव्यू दिए।
पटना के नेट्रो डैम एकेडमी से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने वाली संप्रीति यादव कहती हैं, मैं भी इंटरव्यू के दौरान घबराहट महसूस करती थी। ऐसे में मुझे मेरे माता-पिता और करीबी दोस्तों ने लगातार बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित किया। मैनें बड़ी कंपनियों के इंटरव्यू के बारे में घंटों बैठकर पढ़ा और जाना। बड़ी कंपनियों के इंटरव्यू आमतौर पर चर्चा की तरह होते हैं। निरंतर अभ्यास सी सी घबराहट का मुकाबला किया जा सकता है। और फिर पूरे आत्मविश्वास के साथ इंटरव्यू दें।
संप्रीति यादव जोर देकर कहती हैं कि उन्होंने जो भी कोशिश की पूरी इमानदारी से की। इंटरव्यू में असफल होना भी अहम है क्योंकि यह व्यक्ति को और कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित करता है। आप जितना अधिक प्रयास करेंगे लंबे समय में आपको उतना ही बेहतर परिणाम मिलेगा।
दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से मई 2021 में बीटेक करने वाली संप्रीति बताती हैं कि उनके लिए पैकेज से यह बात ज्यादा बड़ी थी कि उन्हें गूगल के लंदन ऑफिस में काम करने का मौका मिलेगा। पैकेज के बारे में तो उन्हें बाद में पता चला। वह कहती हैं जब मुझे पता चला कि मैं इंटरव्यू में पास हो गई हूँ तो मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। हर सॉफ्टवेयर इंजीनियर का ख्वाब होता है कि वो बड़ी टेक फर्मों के साथ जुड़े। मेरे लिए गूगल में नौकरी पाना और वह भी लंदन में, एक बेहतरीन एहसास था।
संप्रीति कहती हैं उन्हें अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्र होने की प्रेरणा उनके माता-पिता से मिली। उनके पिता रामशंकर यादव भारतीय स्टेट बैंक में कार्यरत हैं, जबकि उनकी मां शशि प्रभा बिहार सरकार में योजना एवं विकास विभाग में सहायक निदेशक के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने कहा मैंने बचपन से ही अपने माता-पिता को कड़ी मेहनत करते हुए देखा है। मेरी मां अपने संघर्ष के दिनों में प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लिया करती थीं। वह कई बार असफल हुई लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। मैंने जो कुछ भी किया उन्हीं को देखकर किया। मैं अपने माता-पिता के साथ साथ अपने साथियों से भी प्रेरणा लेती हूं।