अजमेर: ख्वाजा गरीब नवाज के दर पर अदा की गई बसंत की रस्म
सोमवार के दिन गंगा जमुनी तहजीब का केंद्र ख्वाजा गरीब नवाज के दर पर रहमतुल्लाह अलैह के 810वें उर्स के मुबारक मौके पर बंसत की रस्म अदा की गई। यह रस्म दरगाह के दीवान परिवार के साथ ही शाही कव्वाल और दरगाह के खादिमों की ओर से अदा की गई। इस दौरान ख्वाजा साहब के जयकारों से दरगाह गूंज उठी। शाही कव्वाल की ओर से सोमवार को बसंत बसंत है सुहागन सहित अन्य कलाम ख्वाजा साहब की शान में पेश की गए।
दरगाह के दीवान सैयद जैनुल आबेदीन के बेटे सैयद नसीर उद्दीन चिश्ती ने बताया कि सोमवार को 5 रजब के मौके पर दरगाह में बसंत की रस्म अदा की गई। यह बसंत की रस्म हिंदू मुस्लिम एकता और भाईचारे का पैगाम देती है। ख्वाजा गरीब नवाज पूरी दुनिया में अमन चैन और भाईचारे का पैगाम देते हैं, ऐसे में इस तरह की रस्में यहां आयोजित की जाती है जिसमें बड़ी संख्या में लोग शिरकत करते हैं।
शाही कव्वाल असरार हुसैन ने जानकारी देते हुए बताया कि यह रस्म किसी की सदारत में नहीं होती, सभी लोग इस खास रस्म को मुकम्मल करते हैं। आपको बता दें दरगाह के निजाम गेट से जुलूस की शुरुआत हुई जहां से शाही कव्वाल असरार हुसैन ने साथी सूफियाना कलाम पेश किया।
इस दौरान पीले रंग का बसंत का गुलदस्ता हाथ में लेकर कव्वाल कव्वालियां गाते हुए ख्वाजा साहब की खिदमत में गुलदस्ता लेकर पहुंचे और सुंदर खाना दरवाजे से होते हुए आहत ऐनूर में पहुंचे। इसके बाद महफिल का आयोजन किया गया। और इसके बाद बसंत गुलदस्ता मजार ए शरीफ पर पेश किया गया। इस मौके पर दरगाह के दीवान और कई प्रतिनिधि मौजूद रहे।
