संसद का बजट सत्र जारी है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा भी हो रही है। इन सब के पीछे कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने महंगाई, बेरोजगारी, चीन के साथ सीमा पर तनाव और कई अन्य मुद्दों को लेकर सरकार पर जबरदस्त तरीके से निशाना साधा। इसके साथ ही उन्होंने कहा देश के लोग अब प्रधानमंत्री से कह रहे हैं कि मुझे बीते बुरे दिन ही लौटा दो। अधीर रंजन चौधरी ने जब यह बातें कहीं तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद संसद में मौजूद थे। इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने कहा कि मुझे सरकार की नीतियों को लेकर असमंजस नजर आता है। हमें महापुरुषों से जुड़े समारोह आयोजित करने के साथ ही उनके विचारों पर चलने की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें मुसलमानों के तुलना औरंगजेब और हिंदुओं की तुलना जयचंद से नहीं करनी चाहिए।
— SansadTV (@sansad_tv) February 4, 2022 अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हमें देश के इतिहास से सीखना चाहिए सद्भाव और भाईचारे के विचारों को आगे बढ़ाना चाहिए। चौधरी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री सदन में नहीं आते हैं और ना ही विपक्ष की बातों का जवाब देते हैं। उन्होंने दावा किया कि वाजपेयी जी 77 गुना ज्यादा बोले। मनमोहन सिंह 48 गुना ज्यादा बोले जबकि मनमोहन सिंह को मौन कहा जाता था। असल में मौन कौन है? अधीर रंजन ने कहा कि पाकिस्तान को सबसे ज्यादा कमजोर इंदिरा गांधी ने किया> उन्होंने पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर किया लेकिन आप उनका नाम मिटाना चाहते हो। उन्होंने सत्तापक्ष से सवाल किया कि आप नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्मदिन मनाते हैं। क्या आप उनके साथियों आबिद हसन और शाहनवाज खान को भी याद करते हैं? क्या आप नेताजी के विचारों पर अमल करते हैं?
चौधरी ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘गलवान की घटना के बाद आप कहते हैं कि कोई नहीं घुसा। इसका सबसे ज्यादा फायदा चीन को हुआ। चीन को यह कहने का मौका मिल गया कि भारत के प्रधानमंत्री ने खुद कह दिया है कि चीन के सैनिक नहीं घुसे, बल्कि भारत के सैनिक उसकी सीमा में घुसे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के सांसद तापिर गाओ ने कहा है कि चीन अतिक्रमण कर रहा है।’’ इस पर कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि चौधरी सदन में कांग्रेस के नेता हैं और उन्हें सोच-समझकर बात करनी चाहिए। कांग्रेस नेता चौधरी ने कहा, ‘‘चीन और पाकिस्तान मिलकर भारत को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। इससे हमें निपटना होगा। हमें पहले अंदर की चीजों को सही करना होगा….हरिद्वार में धर्म संसद की घटना के बाद प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को कई पूर्व सैन्य अधिकारियों ने पत्र लिखा था…सरकार ने इस मामले में क्या किया है।’’