सरकार ने लॉलीपॉप बजट से देश के आम लोगों के साथ विश्वासघात किया: कांग्रेस

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2022-23 के आम बजट पर निराशा जताते हुए इसे ‘अमीरों का बजट’ तथा ‘लॉलीपॉप बजट’ करार दिया और आरोप लगाया कि सरकार ने देश के वेतनभोगी वर्ग और मध्य वर्ग को राहत नहीं देकर उनके साथ ‘‘विश्वासघात’’ किया है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया कि इस बजट में वेतनभोगी वर्ग, मध्य वर्ग, गरीबों, किसानों, युवाओं और छोटे कारोबारियों के लिए कुछ नहीं है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मोदी सरकार के बजट में कुछ नहीं है। मध्य वर्ग, वेतनभोगी वर्ग, गरीब और वंचित वर्ग, युवाओं, किसानों और एमएसएमई के लिए कुछ नहीं है।’’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने यह आरोप लगाया कि आज का बजट भाषण किसी भी वित्त मंत्री की ओर से पढ़ा गया अब तक सबसे ज्यादा पूंजीवादी भाषण था और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पूंजीवादी अर्थशास्त्र के शब्दजाल में महारत हासिल कर चुकी हैं। उन्होंने बजट में दिए गए आंकड़ों तथा अर्थव्यवस्था की स्थिति, बेरोजगारी तथा कृषि की स्थिति से जुड़े आंकड़े रखते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने हर मुख्य योजना से जुड़ी सब्सिडी में कटौती की है।

M0di G0vernment’s Zer0 Sum Budget!

Nothing for
– Salaried class
– Middle class
– The poor & deprived
– Youth
– Farmers
– MSMEs

— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 1, 2022 चिदंबरम ने दावा किया कि यह बजट अर्थव्यवस्था के समक्ष खड़ी सभी बड़ी चुनौतियों से निपटने में विफल है। उन्होंने कहा, ‘‘इस बजट भाषण में गरीबों और दो साल में पीड़ा झेलने वालों की नकदी के जरिये मदद करने के लिए कुछ नहीं कहा गया। नौकरियों के सृजन के बारे में कुछ नहीं कहा गया, छोटे एवं मझोले उद्योगों में नयी जान डालने के बारे में एक शब्द नहीं बोला गया, कुपोषण एवं भूखमरी की स्थिति से निपटने के संदर्भ में कुछ नहीं कहा गया और अप्रत्यक्ष करों विशेषकर जीएसटी में कटौती को लेकर कुछ नहीं कहा गया।’’ चिदंबरम के अनुसार, वित्त मंत्री ने महंगाई पर काबू करने और मध्य वर्ग को कर में राहत देने के बारे में भी कुछ नहीं कहा। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार के पास विशाल बहुमत है और इसलिए वह इस बजट को संसद में पारित करा लेगी, लेकिन जनता इस पूंजीवादी बजट को नकार देगी।’’ राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार के वादे एक के एक बाद झूठ साबित होते जा रहे हैं। राजकोषीय घाटा अभी बहुत ही ज्यादा है… कॉरपोरेट कर घटाया, लेकिन आम लोगों को राहत नहीं दी। वित्त मंत्री जी ने बजट भाषण के दौरान महाभारत का उल्लेख किया। मैं तो यही कहूंगा कि यह ‘द्रोणाचार्य और अर्जुन का बजट’ है, ‘एकलव्य का बजट’ नहीं है।’’ कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘भारत का वेतनभोगी वर्ग एवं मध्य वर्ग महामारी, वेतन में चौतरफा कटौती और कमरतोड़ महंगाई के इस दौर में राहत की उम्मीद कर रहा था। 

वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री ने एक बार फिर प्रत्यक्ष कर से संबंधित अपने कदमों से इन वर्गों को बहुत निराश किया है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि यह वेतनभोगी वर्ग और मध्य वर्ग के साथ विश्वासघात है। उन्होंने यह सवाल भी किया कि क्या सरकार ने ‘क्रिप्टो करेंसी’ से होने वाली आय पर कर लगाकर ‘क्रिप्टो करेंसी’ को बिना विधेयक लाए ही वैध करार दिया है? कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने बजट को निराशाजनक करार देते हुए कहा कि इसमें सिर्फ लच्छेदार बातें की गई हैं, लेकिन रोजगार सृजन, अर्थव्यवस्था की मजबूती और देश को प्रगति के मार्ग पर अग्रसर करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं है। पार्टी ने आपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा, ‘‘वेतनभोगी और मध्य वर्ग के लोग इस इंतजार में थे कि मुश्किल के समय बजट से मदद मिलेगी, लेकिन ‘लॉलीपॉप बजट’ से एक बार फिर साबित हो गया कि भाजपा सरकार में ‘अच्छे दिन’ का इंतजार करने का मतलब समय की बर्बादी है।’’ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आर्थिक वृद्धि को गति देने के उद्देश्य के साथ 39.45 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। इसमें अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों को गति देने के मकसद से राजमार्गों से लेकर सस्ते मकानों के लिए आवंटन बढ़ाया गया है। वित्त मंत्री ने रोजगार सृजन और आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के लिए बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाने का प्रस्ताव किया है, लेकिन आयकर स्लैब या कर दरों में बदलाव का प्रस्ताव नहीं किया है।

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