UP Assembly Election: कांग्रेस के ‘स्टार प्रचारक’ ने छोड़ा हाथ, हुए बीजेपी के साथ, कहा- देर आए दुरुस्त आए
 उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले कांग्रेस को आज एक बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री आरपीएन सिंह ने बीजेपी का दामन थाम लिया। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, स्वतंत्रदेव सिंह, अनिल बलूनी की मौजूदगी में आरपीएन सिंहन बीजेपी में शामिल हुए। आरपीएन सिंह ने सभी का धन्यवाद अदा किया। उन्होंने कहा कि 32 सालों तक एक पार्टी में रहा लेकिन अब वो पार्टी वो रह नहीं गई। एक छोटे कार्यकर्ता के रूप में पीएम मोदी के सपनों को पूरा करने के लिए जो भी करना होगा वो करूंगा।  उन्होंने कहा कि देर आए दुरुस्त आए। आरपीएन सिंह के साथ कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सहारनपुर में जिला अध्यक्ष रह चुके शशि वालिया ने बीजेपी का दामन थामा हैं। यूपी कांग्रेस के प्रदेश सचिव और नोएडा से विधानसभा चुनाव लड़ने वाले राजेंद्र अवाना भी बीजेपी में शामिल हुए। बीजेपी मुख्यालय पहुंचने से पहले आरपीएन सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा कि यह मेरे लिए एक नई शुरुआत है। उन्होंने आगे कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दूरदर्शी नेतृत्व और मार्गदर्शन में राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देने के लिए तत्पर हूं। कयास लगाया जा रहा है कि आरपीएन सिंह बीजेपी से सपा में गए स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ कुशीनगर की पडरौना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। 
कांग्रेस से दिया था इस्तीफा
आरपीएन सिंह ने आज सुबह ही कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दिया। सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे त्यागपत्र की प्रति ट्विटर पर साझा की और कहा, ‘‘आज, जब पूरा राष्ट्र गणतन्त्र दिवस का उत्सव मना रहा है, मैं अपने राजनीतिक जीवन में नया अध्याय आरंभ कर रहा हूं। जय हिंद।’’ उन्होंने इस्तीफे में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए कहा है, ‘‘मैं राष्ट्र, लोगों और पार्टी की सेवा करने का अवसर प्रदान करने के लिए आपका (सोनिया का) धन्यवाद करता हूं।’’ 
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मनमोहन सरकार में रह चुके हैं गृह राज्य मंत्री
आरपीएन सिंह कांग्रेस में राष्ट्रीय प्रवक्ता और झारखंड के प्रभारी की जिम्मेदारी निभा रहे थे। आरपीएन सिंह केंद्र में मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली संप्रग सरकार में गृह राज्य मंत्री रहे। वह 2009-2014 तक उत्तर प्रदेश की कुशीनगर लोकसभा सीट से सांसद रहे। इससे पहले वह कई वर्षों तक पडरौना विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रहे। साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 
स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ लड़ेंगे आरपीएन सिंह?
माना जा रहा है कि भाजपा आरपीएन सिंह को स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ पडरौना से चुनावी मैदान में उतार सकती है। पडरौना आरपीएन सिंह का परंपरागत क्षेत्र रहा है। 2009 में वह पडरौना लोकसभा क्षेत्र से ही चुनाव जीतकर सांसद बने थे। इसके बाद मनमोहन सिंह की सरकार में उन्हें राज्य मंत्री बनाया गया था। आरपीएन सिंह कांग्रेस के लिए झारखंड के प्रभारी भी रह चुके हैं। आरपीएन सिंह के समर्थकों का दावा है कि कांग्रेस की ओर से उन्हें लगातार दरकिनार किया जा रहा था और कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी जा रही थी। स्वामी प्रसाद मौर्य से जब आरपीएन सिंह के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद पडरौना से चुनाव लड़ने की बात कही गई तो वह बोले कि समाजवादी पार्टी का कोई भी कार्यकर्ता आरपीएन को पडरौना से हरा देगा।
                    
               
        
	            
 
                         
                       
                      