सरकार को नई नियमावली बनाने में लगे दो साल, राज्य के हजारों अभ्यर्थी आवेदन से वंचित, दोष चाहें किसी का नुकसान सिर्फ अभ्यर्थी का

द न्यूज़ (11)
  • सरकार को नई नियमावली बनाने में दो साल लग गया तो अभ्यर्थियों का क्या दोष?
  • झारखण्ड हाई कोर्ट के WPC-663/2016 द्वारा उम्र में छूट देने का स्पष्ट निर्देश
  • 2019 में प्रकाशित विज्ञापन में आवेदन करने वाले सभी झारखण्ड के हजारों ST/SC/OBC छात्र/छात्राएं आवेदन की प्रक्रिया से वंचित हो रहें

झारखण्ड/राँची : कर्मचारी चयन आयोग द्वारा 23/12/2021 को प्रकाशित विज्ञापन संख्या 5/2021 में उम्र का कट ऑफ डेट घटाए जाने से झारखण्ड राज्य के हजारों अभ्यर्थी आवेदन से वंचित रह गए हैं।

 

JSSC द्वारा प्रकाशित विज्ञापन संख्या 5/2021 नई नहीं है, इसके पूर्व इसे तीन बार क्रमशः आयोग के द्वारा विज्ञापित विज्ञापन संख्या 14/2015,15/2015 एवं 3/2019 द्वारा प्रकाशित किया जा चका है।

 

आयोग द्वारा पहली बार प्रकाशित विज्ञापन संख्या 14/2015,उम्र विवाद के कारण झारखंड हाई कोर्ट के WPC-663/2016 द्वारा उम्र में छूट देने का स्पष्ट निर्देश दिया गया है।

 

 

JSSC द्वारा पुनः विज्ञापित विज्ञापन संख्या 15/2015 में उम्र में छूट देने के साथ विज्ञापन प्रकाशित किया गया जिसमें आयोग द्वारा प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन किया गया एवं इसका रिजल्ट भी प्रकाशित किया गया । जिसमें लगभग 9000 अभ्यर्थी सफल भी हुए परंतु मुख्य परीक्षा लेने के पूर्व झारखंड हाई कोर्ट ने टेक्निकल डिग्री विवाद से जुड़े मामले में WPC-1083/2017 और LPA-614/2017 के निर्देश अनुसार तत्कालीन सरकार द्वारा इस की त्रुटियों को दूर करने हेतु विज्ञापन को ही वापस ले लिया गया।

 

 

JSSC द्वारा इसी विज्ञापन को 2019 में पुनः विज्ञापन संख्या 3/2019 के द्वारा प्रकाशित किया जिसमें 2015 में प्रकाशित विज्ञापन में अंकित उम्र सीमा के कट ऑफ डेट को यथावत रखा गया।

 

 

वर्ष 2019 में प्रकाशित विज्ञापन को वर्तमान सरकार द्वारा वापस लिया गया एवं JSSC ने नई नियमावली के अनुसार 23 दिसंबर 2021 को पुनः पूर्व प्रकाशित विज्ञापन को प्रकाशित किया है।जिसमे उम्र गणना का काट ऑफ़ डेट घटाया गया है।

 

 

उम्र सीमा का कट ऑफ डेट घटाए जाने के कारण 2015 में प्रारंभिक परीक्षा पास अभ्यर्थी एवं 2019 में प्रकाशित विज्ञापन में आवेदन करने वाले सभी झारखण्ड के हजारों ST/SC/OBC छात्र/छात्राएं आवेदन की प्रक्रिया से वंचित हो रहें हैं।

 

 

यदि सरकार को नई नियमावली बनाने में दो साल लग गया तो अभ्यर्थियों का क्या दोष है? COVID -19 जैसी आपदा आजाने से अभ्यर्थियों का क्या दोष है?सरकार यदि हमारी पीड़ा नहीं समझेगी तो कौन समझेग। हम कहाँ जाए न्याय के लिये। सरकार का ही नारा है ना सबका साथ सबका विकास।फिर सरकार अपने वादे से क्यों पीछे हट रही है।

 

 

सर्वोच्च न्यायालय ने भी SLP-1461/1971 में यह स्पष्ट निर्देश दिया है कि किसी भी नियुक्ति प्रक्रिया में यदि अभ्यर्थी को एक बार शामिल किया गया है,उनको जिस किसी भी कारण से जैसे-यदि समय से नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नही की गई या सरकार द्वारा विज्ञापन वापस लिया गया तो नए विज्ञापन में उस अभ्यर्थी को भी शामिल करना होगा जो पूर्व में आवेदन दिये है। उपरोक्त के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी जजमेंट दी हैं।

 

अतः JSSC द्वारा 2019 में प्रकाशित विज्ञापन संख्या 3/2019 में कंडिका 6 में अंकित उम्र सीमा के कट ऑफ डेट को यथावत रखा जाय। जिससे राज्य के सभी बेरोजगार युवक/युवतियों रोजगार हेतु फ़ॉर्म भर सकें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *