विस्थापितों का बीजीआर के रवैये पर फूटा गुस्सा, किया उत्खनन कार्य को बाधित

‘द न्यूज़’ की ख़बर पर लगी मुहर
बीजीआर को आई विस्थापितों की याद, बांटा कंबल http://thenews.org.in/108513/
- विस्थापित परिवार के सदस्यों ने झूठा आश्वासन देकर छलने और प्रताड़ित करने का लगाया आरोप
- डब्लूपीडीसीएल और बीजीआर इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के विरूद्ध बिशनपुर के विस्थापित हुई गोलबंद
झारखण्ड/पाकुड़, अमड़ापाड़ा (ब्यूरो) : ज़िले में संचालित आमडापाड़ा प्रखण्ड के पचुवाड़ा नॉर्थ कोल ब्लॉक से प्रभावितो एवं विस्थापितो को कोयला उत्खनन एवं परिवहन करने वाली बीजीआर कंपनी द्वारा रैयतो एवं विस्थापितो के साथ की जा रही वादाखिलाफी एवं मनमानी को लेकर अनिश्चितकाल तक कोयला का उत्खनन और परिवहन बंद किया।
ज्ञात हो कि ज़िला प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था व कोरोना गाइडलाइंस के तहत किसी भी तरह के आंदोलन या बंद के खिलाफ़ सुरक्षा बंदोवस्त के बावजुद झारखण्ड मानव अधिकार सह जनजागृति कल्याण परिषद के अध्यक्ष मुन्ना हेम्ब्रम एवं अन्य प्रतिनिधियो के नेतृत्व में कोयला का उत्खनन और परिवहन आज सोमवार को बंद कर दिया गया।
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क्या है पूरा मामला
प्राप्त जानकारी के मुताबिक झारखण्ड मानव अधिकारी सह जनजागृति कल्याण परिषद के मुन्ना हेम्ब्रम के नेतृत्व में संगठन के दर्जनो प्रतिनिधि सहित पाकुड़ एवं साहेबगंज जिले के लोग अमड़ापाड़ा प्रखंड के विशनपुर फुटवॉल मैदान में ग्रामीणो के साथ बैठक की। बैठक में पचुवाड़ा नॉर्थ कोल ब्लॉक के विस्थापितों के साथ की जा रही वादाखिलाफी को लेकर कोल् कंपनी के अलावे जिला प्रशासन एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों के खिलाफ आवाज बुलंद किया गया। बैठक में ही निर्णय लिया गया कि कोयला उत्खनन और परिवहन तबतक नहीं होने दिया जायेगा जबतक कि सोलह आना रैयतो को उनका वाजिब हक नहीं मिल जाता।
बैठक में रैयतो के मौलिक अधिकार एवं सीएसआर एवं आरएनआर की सुविधा बहाल नहीं होने तक कोयला का उत्खनन और परिवहन बंद रखने का एकस्वर में ग्रामीणो ने निर्णय लिया। बैठक में सैकड़ो की संख्या में आये लोग अपने पारंपरिक हथियार से लैस थे।
वहीं ग्रामीणो का नेतृत्व कर रहे मुन्ना हेम्ब्रम ने कहा कि जिला प्रशासन ने अबतक कुछ नहीं किया है। उन्होने कहा कि विस्थापितों की समस्याओ के निदान को लेकर डीसी/एसपी का अनेको बार ध्यान आकृष्ट कराया गया लेकिन इनके स्तर से कोई पहल नहीं की गई इसलिए ग्रामीणों के सहयोग से कोयला उत्खनन और परिवहन को बंद कराया गया है।
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क्या है विस्थापितों की मांग
विस्थापित रैयतों ने आरोप लगाया की सरकारी लीज शर्त के अनुसार या कंपनी के सीएसआर से संबंधित कोई भी सुविधा रैयतों या पूरे प्रखण्ड को नहीं मिल रही है। विस्थापितों को जो आवास उपलब्ध कराया जायेगा उस आवास की निर्माण की गुणवत्ता काफी घटिया निर्माण सामग्री से की जा रही है। साथ ही साथ विस्थापित परिवार को उनके शैक्षणिक योग्यता अनुरूप न कोई कार्य, न ही मूलभूत सुविधा जैसे स्वास्थ संबंधी चिकित्सालय, विद्यालय, पीने का पानी की व्यवस्था उन्हें कंपनी द्वारा उपलब्ध कारवाई जा रही है। विस्थापितो ने सुबह करीब 11 बजे से अपनी मांग को पुनः दोहराते हुए बी जी आर की उत्खनन कार्य को बाधित कर दिया।
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क्या कहा कंपनी ने
बीजीआर कंपनी के पीआरओ संजय बेसरा ने बताया कि आज सोमवार को कोयला का उत्खनन और परिवहन पूरी तरह ठप है। आगे उन्होंने कहा विस्थापितों कि मांगो से संबंधित किसी तरह की आवेदन पूर्व में झारखण्ड मानव अधिकार सह जनजागृति कल्याण परिषद एवं बंद कराने में शामिल लोगों द्वारा नहीं दिया गये है। उन्होने बताया कि लोगों की मांग क्या है इसकी जानकारी कंपनी को नहीं है। आगे उन्होंने कंपनी की तरफ से आज पदाधिकारियों के विस्थापितों से मिलने की कोई क़वायद या आधिकारिक बयान के बारे में पूछे जाने पर कल ही बता पायेंगे कहा।
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बैठक का दौर जारी
इस ख़बर की सूचना मिलते ही अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी महेशपुर अनुमंडल पदाधिकारी पाकुड़ प्रखंड विकास पदाधिकारी आमडापाड़ा एवं डब्लू पी डी सी एल के अधिकारी तथा आमडापाड़ा थाना के पुलिस बल तैनात रहे एवं बीजीआर के डायरेक्टर रेड्डी एवं डब्लू पी डी सी एल के अधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी महेशपुर, प्रखंड विकास पदाधिकारी आमड़ापाड़ा के साथ बैठक का दौर जारी था।
विधि व्यवस्था की बहाली को लेकर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी नवनीत एंथोनी हेम्ब्रम के अलावे अमड़ापाड़ा थाना प्रभारी, पुलिस पदाधिकारी सहित भारी संख्या में जवान तैनात थे। समाचार भेजे जाने तक कोयले का उत्खनन और परिवहन चालु नहीं हो पाया है। प्रशासन स्थिति पर पैनी नजर बनाये हुए है।