1947 के बंटवारे में अलग हुए दो भाई 74 साल बाद करतारपुर कॉरिडोर पर मिले, गले लगे और रोते ही रहे, वीडियो हुआ वायरल

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जब अंग्रेज भारत छोड़कर गये तब उन्होंने भारत को आजादी तो दे दी लेकिन उन्होंने अपनी कूटनीतियों से भारत को विभाजन जैसा गहरा घाव दे दिया जो शायद आजादी के 74 साल बाद भी गहरा है। इस जख्म को याद कर लिया जाता है तो हाथ-पैर फूल जाते हैं। विभाजन के समय भारत में हिन्दू और मुस्लिम के बीच काफी हिंसा फैली थी हजारों लोगों की जान गयी थी और आखिर में भारत से अलग होकर पाकिस्तान देश बना जहां भारतीय मुसलमानों ने शरण ली। वहां के हिंदुओ को भारत भेजा गया। अब इस घटना को 74 बीत चुके हैं। विभाजन के दौरान हजारों लोग अपनों से बिछड़ गये थे। उन्हीं में से एक थे मोहम्मद सिक्किक। मोहम्मद सिक्किक विभाजन के समय मासूस से बच्चे थे जो अपने बड़े भाई और परिवार से अलग हो गये थे। आज 74 साल बाद मोहम्मद सिक्किक अपने बड़े भाई से मिले और दोनों ने एक दूसरे को 74 साल बाद गले लगाया। ये काफी भावुक पल था जब यह दोनों मिले। सोशल मीडिया पर दोनों भाईयों के मिलने का वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है। 
 
1947 में भारत के विभाजन के समय मोहम्मद सिद्दीकी एक बच्चे थे। उनका परिवार अलग हो गया। उनके बड़े भाई हबीब इलियाश शेला विभाजन रेखा के भारतीय पक्ष में पले-बढ़े और सिद्दीकी पाकिस्तान में थे। अब 74 साल बाद पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत से जोड़ने वाले करतारपुर कॉरिडोर ने एक बार दो भाइयों को फिर से एक कर दिया है। दोनों भाई के इमोशनल रीयूनियन का वीडियो सोशल मीडिया  वायरल होकर लोगों का दिल जीत रहा है। रिपोर्ट्स की मानें तो सिद्दीकी पाकिस्तान के फैसलाबाद में रहते है। शेला उसका बड़ा भाई है और पंजाब के भारतीय पक्ष में रहता है।

Brothers meet after 74 years because of 1947! #pakistan #punjab

(I admit, I cried) pic.twitter.com/NddUYBHK09

— Manpreet Singh (@mjassal) January 12, 2022

वीडियो में दिखाया गया है कि भाई इस भावनात्मक पुनर्मिलन को देख रही भीड़ के साथ एक-दूसरे की बाहों में रोते हैं। वे चलते समय एक साथ रोटी तोड़ने की बात करते हैं। रिपोर्ट में दोनों भाइयों ने करतारपुर कॉरिडोर खोलने के लिए दोनों देशों की सरकारों को धन्यवाद दिया, जिससे भारत से पाकिस्तान को सीमा से लगभग पांच किलोमीटर दूर करतापुर तक वीजा-मुक्त यात्रा की सुविधा मिली। यह नवंबर 2019 में चालू हो गया।

‘Kartarpur – the abode blissful’ has reunited two octogenarian brothers from across the border of Punjab after 74 years. They were separated at the time of Partition.

The corridor is indeed a beacon of hope after its opening by Prime Minister Imran Khan in 2019.

💛💚 pic.twitter.com/BMK3Ap334n

— Fidato (@tequieremos) January 12, 2022

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