सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को सात दिन का पृथकवास जरूरी, दिल्ली में बाहर निकलना है तो पढ़ लें पहले गाइडलाइन

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नमस्कार न्यूजरूम में आप सभी का स्वागत है। भारत ने सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के आगमन पर सात दिनों के लिए घर पर पृथकवास में रहना और आठवें दिन आरटी-पीसीआर जांच कराना अनिवार्य कर दिया है। इस सलसिले में संशोधित दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। शुक्रवार को जारी दिशानिर्देश 11 जनवरी से प्रभावी होंगे और अगले सरकारी आदेश तक प्रभावी रहेंगे। कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप का पता चलने के बाद वैश्विक स्तर पर कोविड के मामले बढ़ने के मद्देनजर नया आदेश जारी किया गया है। हम आपको बता दें कि इससे पहले, जोखिम वाले देशों के रूप में सूचीबद्ध देशों से आने वाले यात्रियों को आगमन के बाद हवाई अड्डे पर कोविड-19 जांच करानी होती थी और उन्हें बाहर निकलने या गंतव्य के लिए अगली उड़ान पर सवार होने से पहले वहां अपने जांच के नतीजे के लिए इंतजार करना होता था। जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने पर उन्हें सात दिनों तक घर पर पृथक रहना पड़ता था और आठवें दिन आरटी-पीसीआर जांच करानी होती थी।

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दिल्ली की गाइडलाइंस
इस बीच दिल्लीवासी दो दिनों तक अपने घरों में रहेंगे क्योंकि 55 घंटे का सप्ताहांत कर्फ्यू शुक्रवार रात 10 बजे से शुरू होगा। वहीं अधिकारियों ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए दिल्ली में कर्फ्यू लागू करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है। सप्ताहांत कर्फ्यू के दौरान आवश्यक सेवाओं में शामिल व्यक्तियों और छूट प्राप्त श्रेणियों के तहत आने वाले व्यक्तियों को छोड़कर, लोगों की आवाजाही 55 घंटे तक प्रतिबंधित रहेगी। हम आपको बता दें कि कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के कारण संक्रमितों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए, दिल्ली सरकार ने मंगलवार को सप्ताहांत कर्फ्यू की घोषणा की थी। सप्ताहांत कर्फ्यू के दौरान केवल आवश्यक सेवाओं में शामिल व्यक्तियों और आपातकालीन स्थिति का सामना करने वालों को ही अपने घरों से बाहर निकलने की अनुमति होगी। बाहर निकलने वालों को सरकार द्वारा जारी ई-पास या वैध पहचानपत्र प्रस्तुत करना होगा।
पश्चिमी जिले के एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने सप्ताहांत कर्फ्यू को लागू करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की है। बाजारों, सड़कों, कॉलोनियों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। यदि जरूरत पड़ी तो हम इसे लागू करने वाले दस्तों की संख्या भी बढ़ाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को महत्वपूर्ण काम के लिए बाहर जाना है और यदि वह किसी भी छूट वाली श्रेणी में नहीं आता है, तो उसे दिल्ली सरकार द्वारा जारी ई-पास लेना होगा। हम आपको बता दें कि लोग सप्ताहांत कर्फ्यू और रात के कर्फ्यू के लिए ई-पास के वास्ते दिल्ली सरकार की वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं। आवश्यक और आपातकालीन सेवाओं में शामिल अधिकारियों, विभिन्न देशों के राजनयिक कार्यालयों में तैनात व्यक्तियों के साथ-साथ संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों को वैध पहचानपत्र प्रस्तुत करने पर कर्फ्यू के दौरान आने-जाने की अनुमति होगी। इसके अलावा न्यायाधीश, न्यायिक अधिकारियों, अदालत के कर्मचारियों और वकीलों को भी वैध पहचान पत्र, सेवा पहचानपत्र, फोटो प्रवेश पास और अदालत प्रशासन द्वारा जारी अनुमति पत्र पेश करने पर यात्रा की अनुमति होगी। जिन अन्य व्यक्तियों को छूट दी गई है उनमें निजी चिकित्सा कर्मी जैसे डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल कर्मियों और अस्पतालों, डायग्नोस्टिक केंद्र, जांच प्रयोगशालाएं, क्लीनिक, फार्मेसी, दवा कंपनियों और चिकित्सा ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ताओं से जुड़े व्यक्ति शामिल हैं। ऐसे लोगों को यह छूट वैध पहचानपत्र पेश करने पर दी जाएगी। हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशन और अंतरराज्यीय बस टर्मिनल से आने या जाने वाले व्यक्तियों को वैध टिकट प्रस्तुत करने पर यात्रा करने की अनुमति होगी।
सप्ताहांत कर्फ्यू के दौरान सिर्फ किराना, चिकित्सकीय उपकरण, दवा जैसी जरूरी चीजें बेचने वाली दुकानों को ही खोलने की इजाजत होगी। रेस्तरां बंद रहेंगे लेकिन घर पर आपूर्ति की इजाजत होगी। ई-कॉमर्स क्षेत्र में केवल आवश्यक वस्तुओं की घर पर आपूर्ति की अनुमति होगी। कर्फ्यू के दौरान सार्वजनिक पार्क और उद्यान बंद रहेंगे। शादी समारोह और अंतिम संस्कार में सिर्फ 20 लोगों को ही शामिल होने की इजाजत होगी। दक्षिण-पूर्वी जिले के एक अधिकारी ने कहा कि प्रवर्तन दल रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, मेट्रो स्टेशनों और बाजारों के नियमित चक्कर लगाएंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भीड़ न हो और लोग अनावश्यक रूप से न घूमें। अधिकारी ने कहा, ‘‘कर्फ्यू के दौरान यदि कोई गैर-आवश्यक श्रेणी की दुकान या प्रतिष्ठान खुले पाये जाते हैं, तो गेटों पर नोटिस चिपकाकर दुकानों को सील कर दिया जाएगा।”

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दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, गर्भवती महिलाओं और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जाने वाले मरीजों के साथ-साथ परिचारकों को वैध पहचानपत्र और डॉक्टर के पर्चे पेश करने पर छूट दी जाएगी। आदेश में कहा गया है कि कोविड-19 रोधी टीका लेने या जांच के लिए जाने वाले व्यक्तियों को भी वैध पहचान पत्र पेश करने पर आगे बढ़ने की अनुमति दी जाएगी। जिला अधिकारियों ने कहा है कि निमंत्रण पत्र की ‘सॉफ्ट’ या ‘हार्ड’ प्रति पेश करने पर विवाह से संबंधित कार्यक्रमों के लिए लोगों को आवाजाही की अनुमति होगी तथा विवाह में केवल अधिकतम 20 व्यक्ति शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों को वैध प्रवेशपत्र प्रस्तुत करने पर परीक्षा केंद्रों पर जाने की भी अनुमति होगी। अधिकारियों ने कहा कि डीटीसी बसें और मेट्रो ट्रेन 100 प्रतिशत सीटों पर बैठने की क्षमता के साथ चलेंगी और खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) चिन्मय बिस्वाल के अनुसार, सप्ताहांत कर्फ्यू को लागू करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में पर्याप्त संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। विभिन्न जगहों पर बैरिकेड लगाए जाएंगे और बीट अधिकारी अपने-अपने बीट में गश्त करेंगे। बिस्वाल ने कहा, ‘‘गैर-छूट वाली श्रेणियों के व्यक्तियों को कर्फ्यू का उल्लंघन करते पाए जाने पर मुकदमा चलाया जाएगा। यदि किसी को अस्पताल जाने आदि जैसी किसी भी तरह की आपात स्थिति है, तो उसे जाने की अनुमति दी जाएगी। हम नागरिकों से अनुरोध करते हैं कि वे कर्फ्यू के दौरान बिना किसी कारण के अपने घरों से बाहर न निकलें और कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करें।”
एम्स का फैसला
इस बीच, कोविड-19 के मामलों में तीव्र वृद्धि के मद्देनजर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने ट्रामा सेंटर को एक समर्पित कोविड सुविधा केंद्र में तब्दील करने की प्रक्रिया शुरू करने के साथ ही नियमित गैर आपात भर्ती, सभी नियमित उपचार प्रक्रिया एवं गैर जरूरी सर्जरी पर तत्काल प्रभाव से अस्थायी रोक लगा दी है। एम्स अस्पताल एवं सभी केंद्रों में ओपीडी सेवाएं केवल पूर्वानुमति से (पहले से समय ले चुके पुराने एवं नये मरीजों की खातिर), सीमित पंजीकरण के साथ जारी रहेंगी। एम्स ने एक परिपत्र ने कहा, ”सभी स्पेशियलिटी क्लीनिक फिलहाल बंद रहेंगे। केवल पहले से उपचार करा रहे मरीजों के लिए अलग अलग पालियों में पंजीकरण होगा। मरीजों की सभी नियमित भर्ती और सभी नियमित उपचार प्रक्रिया/ गैर जरूरी सर्जरी अगले आदेश तक अस्थायी रूप से रोक दी जाएंगी।’’ 

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कर्नाटक में लॉकडाउन नहीं
इस बीच, कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. डी.के. सुधाकर ने कहा है कि लॉकडाउन अब कोविड-19 के प्रसार को रोकने का उपाय नहीं है क्योंकि यह अतीत की नीति है और कर्नाटक में इसे लागू करने पर विचार नहीं किया जा रहा है। तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा राज्य के छह जिलों, बेंगलुरु शहरी, बेंगलुरु ग्रामीण, मांडया, मैसुरु, उडुपी और कोलार में संक्रमण का तीव्र गति से प्रसार हो रहा है तथा इन जिलों में संक्रमण दर भी अधिक है। मंत्री ने कहा, ‘‘हम जिला प्रशासन से संपर्क में हैं। हम संक्रमण की गति धीमी करने की हर कोशिश कर रहे है।’’ उन्होंने कहा कि हालांकि ओमीक्रोन ज्यादा घातक नहीं है लेकिन जिन लोगों ने कोविड-19 का टीका नहीं लगवाया है उन्हें खतरा है। उन्होंने चेतावनी दी कि कुछ मामलों में मौत तक हो सकती है।
गुजरात में समीक्षा
उधर, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कोविड-19 के मामलों में अचानक वृद्धि के मद्देनजर स्थिति से निपटने में प्रशासन की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने नगर और जिला प्रशासकों से गृह पृथक-वास में और अस्पतालों में भर्ती संक्रमित रोगियों की लगातार निगरानी करने का आग्रह किया। लोगों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार की 10 जनवरी से शहरों और जिलों में आयुर्वेदिक पाउडर मिक्स (काढ़ा) उपलब्ध कराने की भी योजना है।

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