पंजाब के फिरोजपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर देश में बड़ा बवाल मचा हुआ है। सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि आखिर प्रधानमंत्री के सुरक्षा में इतनी बड़ी इच्छा कैसे हो गई और इसके लिए जिम्मेदार कौन है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के लिए अमित शाह के नेतृत्व वाली केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक समिति गठित की है। जानकारी के मुताबिक इस समिति का नेतृत्व गृह मंत्रालय के सुरक्षा सचिव सुधीर सक्सेना करेंगे जबकि अन्य सदस्यों में आईबी के संयुक्त निदेशक बलवीर सिंह और एसपीजी के आईजी एस सुरेश शामिल होंगे। प्रधानमंत्री के सुरक्षा में हुई गंभीर चूक की जांच के लिए इस समिति का गठन किया गया है और रिपोर्ट को जल्द ही सौंपने को कहा गया है। इससे पहले गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। खुद अमित शाह ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी।
MHA sets up panel to probe serious lapses in security during PM’s visit to Punjab that led to exposure of VVIP to grave risk: Spokesperson
— Press Trust of India (@PTI_News) January 6, 2022 गृह मंत्री ने कहा था कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा प्रक्रिया में इस तरह की लापरवाही अस्वीकार्य है और इसमें जवाबदेही तय की जाएगी। दूसरी ओर आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री के पंजाब दौरे पर हुई सुरक्षा चूक के बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय सूचनाएं एकत्र कर रहा है और ‘बड़े एवं कड़े फैसले’ किये जाएंगे। ठाकुर ने कहा कि कुछ लोग इस बारे में उच्चतम न्यायालय भी गए हैं और मीडिया सहित अन्य क्षेत्रों से लोगों ने अपने विचार व्यक्त किये हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी कार्रवाई की बात कही है। सूचनाएं एकत्र करने के बाद जो भी कदम…बड़े और कड़े निर्णय उसकी ओर से लिये जाएंगे। ठाकुर ने कहा कि मेरा मानना है कि देश की न्यायिक व्यवस्था ने सभी को न्याय दिया है। और जब ऐसी चूक होती हैं, जो भी कदम उठाने होंगे, उठाये जायेंगे।
इन सबके बीच, देश भर में भाजपा नेताओं ने प्रधानमंत्री के दीर्घायु होने की कामना करने हुए मंदिरों में पूजा-अर्चना की और महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी किया। पंजाब के भाजपा नेताओं ने चंडीगढ़ में राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात की और राज्य के गृह मंत्री और पुलिस महानिदेशक को बर्खास्त किए जाने की मांग की। हालांकि, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई और इसके पीछे कोई राजनीतिक मंशा नहीं थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में अचानक हुए बदलाव के कारण यह घटना हुई और प्रधानमंत्री के जीवन पर खतरे जैसी कोई स्थिति नहीं थी। मुख्यमंत्री ने मामले की गहराई से जांच के लिए एक समिति गठित कर दी है। सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति मेहताब सिंह गिल और प्रधान सचिव, गृह मामले व न्याय, अनुराग वर्मा को तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।