Prabhasakshi’s NewsRoom : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सहयोगी दल भाजपा को फिर दिखाई आंखें

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पटना। नमस्कार न्यूजरूम में आप सभी का स्वागत है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को छोड़कर बाकी दलों ने जातियों की गणना पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। जनता दल (यूनाइटेड) के नेता नीतीश कुमार ने हालांकि स्पष्ट किया कि वह अपने ‘सहयोगी दल’ को मामले को लटकाने के लिए जिम्मेदार नहीं ठहरा रहे और उन्हें ‘सकारात्मक जवाब’ मिलने का विश्वास है। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा को छोड़कर बाकी दलों ने एक राज्य-केंद्रित कवायद के तौर-तरीकों पर फैसला करने के लिए सर्वदलीय बैठक करने पर सहमति जताई है। भाजपा का जवाब सुनने के बाद हम तारीख तय करेंगे।’’

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मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह आरोप नहीं है। भाजपा नेतृत्व अपना समय ले रहा है। मुझे नहीं लगता कि इस मुद्दे पर असहमति की कोई गुंजाइश है।’’ हम आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने बिहार में ‘जाति आधारित जनगणना’ की संभावना को खारिज कर दिया है। हालांकि नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इस विषय को उठाया था। केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि पहले की तरह केवल अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों की नये सिरे से गणना की जाएगी। इससे बिहार की राजनीति में उथल-पुथल मची है जहां दशकों से सियासत में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की जातियों का प्रभुत्व रहा है। देखना होगा कि भाजपा इस मुद्दे पर नीतीश कुमार के समक्ष क्या रुख स्पष्ट करती है।
बिहार में कोरोना की स्थिति
दूसरी ओर बिहार में कोरोना की स्थिति की बात करें तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में आज पहुंचे सात लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। उनमें से छह बिहार के निवासी हैं। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से कहा कि खानपान व्यवस्था में लगा एक कर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है। बिहार सरकार ने संकेत दिया कि राज्य बीमारी के प्रसार की रोकथाम के लिए पाबंदियां लगा सकता है। नीतीश कुमार ने कहा कि जिस रफ्तार से मामले बढ़ रहे हैं, यह चिंता का विषय है। हम आपको बता दें कि मुख्यमंत्री सचिवालय में हर सोमवार को ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम के लिए आने वाले सभी लोगों को अनिवार्य रूप से जांच करानी होती है। इस जांच की रिपोर्ट आने पर हड़कंप मच गया। नीतीश कुमार ने कहा, “मौजूदा दिशानिर्देश पांच जनवरी तक लागू रहेंगे। लेकिन कल जब अधिकारी स्थिति की समीक्षा के लिए बैठक करेंगे तो वे निश्चित रूप से अचानक वृद्धि को ध्यान में रखेंगे और उसके मुताबिक ही आदेश जारी करेंगे।” उन्होंने दोहराया कि वह अपने ‘समाज सुधार अभियान’ के तहत मंगलवार को गया का दौरा करेंगे और निर्धारित कार्यक्रमों के बारे में बाद में निर्णय लिया जाएगा।

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नीतीश कुमार से जब यह पूछा गया कि क्या वह यह मानते हैं कि पड़ोसी उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में होने विधानसभा चुनावों को कोविड की वजह से टाल दिया जाना चाहिए, तो उन्होंने कहा, ”यह संबंधित राज्य तय करें। अगर हम देखें तो, केरल में तब चुनाव हुए थे, जब वहां सबसे ज्यादा दैनिक मामले आ रहे थे। बिहार में जब चुनाव हुए थे तो भी हालात बहुत अच्छे नहीं थे।” 
जीतन राम मांझी को कोरोना
इस बीच खबर है कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी जांच में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। मांझी के नेतृत्व वाले हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री गया जिले में अपने गांव में सुरक्षित हैं। रिजवान ने कहा, ‘‘मांझी कुछ समय से अस्वस्थ हैं। रविवार को उन्होंने अपने परिवार के करीबी सदस्यों और निजी सचिव के साथ जांच कराई। कुल 18 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है।’’ रिजवान ने बताया कि मांझी के अलावा, जिन लोगों की कोविड-19 जांच रिपोर्ट ‘पॉजिटिव’ आई है उनमें उनकी पत्नी शांति देवी, बेटी पुष्पा मांझी, पुत्रवधू दीपा मांझी और निजी सचिव गणेश पंडित शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि दीपा मांझी के पति संतोष सुमन हैं, जो राज्य में नीतीश कुमार सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। अब देखना होगा कि राज्य सरकार कोरोना के मामलों में नियंत्रण के लिए क्या नई पाबंदियां लगाती है।

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